26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के मद्देनजर, दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर पर बढ़ा दिया गया है। राणा की भारत वापसी के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उनकी सुरक्षा और पूछताछ के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
दिल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षा इंतजाम
पलाम तकनीकी क्षेत्र में जहां राणा का विमान उतरा, वहां भारी सुरक्षा बल तैनात थे। 10 से अधिक SWAT कमांडो, बुलेटप्रूफ वाहन और सुरक्षा घेरे के बीच राणा को NIA मुख्यालय ले जाया गया। हवाई अड्डे के आसपास के क्षेत्रों में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की तैनाती सुनिश्चित की गई थी।
NIA मुख्यालय पर सुरक्षा कड़ी
NIA मुख्यालय के आस-पास के क्षेत्रों में सड़कों को अवरुद्ध किया गया था, और केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति थी। सुरक्षा के मद्देनजर, जवाहरलाल नेहरू मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 को बंद कर दिया गया था, और सीजीओ परिसर में सार्वजनिक आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया और कानूनी पहलू
तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया जनवरी 2025 में तेज हुई थी, जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर अंतिम याचिका को खारिज कर दिया था। राणा पर आरोप है कि उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की सहायता की थी। उन पर लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर भारत में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने का आरोप है।
सरकारी प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने राणा के प्रत्यर्पण को मोदी सरकार की कूटनीतिक सफलता करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हम अपनी धरती पर आतंकवाद फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
तहव्वुर राणा की भारत वापसी और उसके बाद की सुरक्षा व्यवस्थाएं, देश की आतंकवाद विरोधी रणनीतियों की सफलता और प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
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