15 घंटे से ज्यादा की रेड में अमेज़न और फ्लिपकार्ट के गोदामों से ISI मार्क वाले फर्जी गीजर, फूड मिक्सर और स्पोर्ट्सवियर जब्त

भारत में बढ़ते ऑनलाइन शॉपिंग के ट्रेंड के साथ ही नकली उत्पादों की बिक्री भी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हाल ही में, अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स के गोदामों पर एक 15 घंटे से ज्यादा लंबी छापेमारी की गई, जिसमें भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के फर्जी ISI मार्क वाले गीजर, फूड मिक्सर और स्पोर्ट्सवियर जब्त किए गए। यह रेड एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह दर्शाता है कि नकली उत्पादों पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी एजेंसियाँ सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

छापेमारी की जानकारी

दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में, भारतीय मानक ब्यूरो और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की टीमों ने मिलकर इस रेड को अंजाम दिया। यह छापेमारी उन गोदामों पर की गई, जहां अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से बेचे जाने वाले उत्पादों को रखा जाता था। एजेंसियों को यहां लाखों रुपये के नकली उत्पाद मिले, जिनमें फर्जी ISI मार्क वाले गीजर, फूड मिक्सर और स्पोर्ट्सवियर शामिल थे। इन उत्पादों पर ISI (Indian Standards Institute) का नकली मार्क था, जो एक प्रमाण है कि ये उत्पाद भारतीय मानक और सुरक्षा नियमों के अनुसार हैं, जबकि वास्तविकता में वे गुणवत्ता में बेहद घटिया थे और ग्राहकों के लिए खतरनाक हो सकते थे।

प्रमुख उत्पादों की जब्ती

इस छापेमारी में जो प्रमुख उत्पाद जब्त किए गए, वे थे:

  1. गीजर: कई प्रकार के गीजर जब्त किए गए, जिनमें गुणवत्ता की कमी थी और जो सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते थे। इन गीजरों में तामपाण, विद्युत सुरक्षा और अन्य मानक अधूरे थे, जिससे उनका उपयोग खतरनाक साबित हो सकता था।

  2. फूड मिक्सर: फूड मिक्सर की बड़ी खेप भी जब्त की गई, जिनमें मोटर क्षमता, डिजाइन और सुरक्षा मानकों में भारी खामियां थीं। इस प्रकार के नकली उत्पाद ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं।

  3. स्पोर्ट्सवियर: स्पोर्ट्सवियर की एक बड़ी संख्या में भी फर्जी ISI मार्क पाए गए। ये उत्पाद गुणवत्ता में काफी खराब थे और खिलाड़ियों या उपयोगकर्ताओं के लिए असुरक्षित हो सकते थे।

इस रेड का महत्व

इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं को नकली और असुरक्षित उत्पादों से बचाना है। BIS का ISI मार्क उत्पाद की गुणवत्ता और सुरक्षा का प्रतीक है, और इसका उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। नकली ISI मार्क वाले उत्पादों की बिक्री से न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, बल्कि यह भी भारतीय मानक संस्थान और स्थानीय विनिर्माण उद्योग की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाता है।

क्या यह कार्रवाई प्रभावी होगी?

इस तरह की छापेमारी और कार्रवाई उपभोक्ताओं के लिए आशा का संकेत है। हालांकि, इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए लंबे समय तक निगरानी और सख्त नियमों की आवश्यकता है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को निरंतर रूप से ऑनलाइन बाजारों की निगरानी करनी होगी और इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे।

ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स की जिम्मेदारी

अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर बिकने वाले उत्पादों की गुणवत्ता की जिम्मेदारी केवल विक्रेताओं पर नहीं, बल्कि इन ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी है। इन कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफ़ॉर्म्स पर बेचे जाने वाले उत्पाद भारतीय मानकों के अनुरूप हों और किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए नियमित जांच की जाए।

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