जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को एक अप्रत्याशित घटना घटी, जब आम आदमी पार्टी (AAP) के एकल विधायक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं के बीच तीखी झड़प हो गई। यह घटना विधानसभा सत्र के दौरान उस समय हुई, जब दोनों दलों के सदस्यों ने एक दूसरे के खिलाफ कड़ा बयानबाजी की थी।
घटना का विवरण
घटना उस समय हुई जब AAP विधायक संजीव गुप्ता, जो जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अकेले AAP के प्रतिनिधि हैं, बीजेपी नेताओं के साथ एक मुद्दे पर बहस कर रहे थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तर्क-वितर्क बढ़ने के बाद स्थिति में तेजी से तनाव आ गया और देखते ही देखते बहस झड़प में बदल गई। विधानसभा कक्ष में यह दृश्य चौंकाने वाला था, क्योंकि राजनीतिक गलियारे में इस प्रकार की घटनाएँ बहुत कम होती हैं।
घटनास्थल पर मौजूद प्रतिक्रिया
विधानसभा में मौजूद अन्य नेताओं ने तुरंत बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन दोनों पक्षों के बीच की तकरार बढ़ती गई। AAP विधायक संजीव गुप्ता ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता उन्हें अपमानित करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि BJP नेताओं का कहना था कि संजीव गुप्ता ने विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। इस झड़प में कुछ बीजेपी नेताओं और AAP विधायक के बीच शारीरिक टकराव भी हुआ, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
राजनीति पर प्रभाव
इस घटना ने न केवल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कामकाजी माहौल को प्रभावित किया, बल्कि राज्य की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। AAP और BJP के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव को देखते हुए यह घटना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। AAP के नेताओं ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि BJP ने इसे विपक्षी दल के अनियंत्रित व्यवहार का परिणाम बताया।
विधानसभा सत्र में रुकावट
यह झड़प इतनी गंभीर हो गई कि विधानसभा सत्र को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। अध्यक्ष ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की और इसके बाद सत्र फिर से शुरू हुआ। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया और बीजेपी के नेताओं पर कार्रवाई की मांग की।
इस घटना के बाद की राजनीति
इस घटनाक्रम ने जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों और राज्य की राजनीतिक स्थिति पर एक नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों का आरोप है कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है, और इस झड़प ने इस दावे को और भी मजबूत किया है। AAP, जो राज्य में अपने पाँव पसारने की कोशिश कर रही है, इस घटना को एक राजनीतिक मुद्दे के रूप में इस्तेमाल कर सकती है।
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