अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के अध्यक्ष श्री इंजेती श्रीनिवास ने ‘फाइनेंशियल मार्केट लॉज विद स्पेशल एम्फैसिस ऑफ देयर एप्लीकेबिलिटी इन आईएफएससी’ यानी आईएफएससी के संदर्भ में वित्तीय बाजार कानून पर एक सर्टिफिकेशन पाठ्यक्रम को आज लॉन्च किया। इस सर्टिफिकेशन पाठ्यक्रम का संचालन आईएफएससीए के तत्वावधान में गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (जीएनएलयू) द्वारा किया जा रहा है।
आईएफएससीए के अध्यक्ष ने इस पाठ्यक्रम को करते हुए वैश्विक एवं घरेलू वित्तीय क्षेत्र के संदर्भ में आईएफएससी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में ग्रीन फाइनेंस के महत्व और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में उसकी भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि आईएफएससी में वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने की क्षमता है जो भारत के आर्थिक विकास के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसे हासिल करने के लिए सभी हितधारकों के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आईएफएससीए अधिनियम भारत के विकास को गति देने के लिए सही दिशा में उठाया एक कदम है।
उन्होंने अपने संबोधन में आईएफसीए अधिनियम, 2019 में निहित असाधारण शक्तियों पर भी प्रकाश डाला गया जो भारत को निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाने और इसे वास्तव में एक वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एकीकृत नियामक आईएफएससी को संसद द्वारा दिए गए महत्व को दर्शाता है। उन्होंने भारत में आईएफएससी की उत्पत्ति पर भी प्रकाश डाला और बताया कि पिछले एक साल के दौरान आईएफएससीए ने किस प्रकार वित्तीय संस्थानों, वित्तीय उत्पादों और वित्तीय सेवाओं को विकसित करने का प्रयास किया है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से इस बात पर जोर दिया कि आईएफएससी की सफलता महज नियामक की भूमिका पर निर्भर नहीं करेगी बल्कि उसे आईएफएससी के लिए अधिक से अधिक निवेश को बढ़ावा देने में सभी हितधारकों का योगदान अवश्य होना चाहिए जिसे विभिन्न हितधारकों को ज्ञान प्रदान करके भी हासिल किया जाएगा। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में आईएफएससीए के तत्वावधान में जीएनएलयू के इस पाठ्यक्रम द्वारा अकादमिक आउटरीच को उसी दिशा में उठाया गया एक कदम कहा।
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