आप भी क्रॉस लेग करके बैठते है तो हो जाये सावधान !

न्यूज़ डेस्क : क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो अक्सर खुद को रिलेक्स करने के लिए पैर के ऊपर पैर रखकर बैठना पसंद करते हैं? अक्सर पैर के ऊपर पैर रखकर बैठना काफी स्टाइलिश और एलिगेंट माना जाता है, लोग इसे कॉन्फिडेंट होने का सिंबल मानते हैं। पर क्या आप जानते हैं आपकी इस आदत से आपकी सेहत पर बेहद बुरा असर पड़ सकता है।

 

आपको सुनकर हैरानी हो सकती है लेकिन यह सच है। दरअसल, पैर के ऊपर पैर रखकर बैठने से पैरों को नुकसान पहुंचने के साथ हाई ब्लड प्रेशर और वैरिकाज जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। आइए जानते हैं आखिर क्रॉस-लेग बैठने से शरीर को होते हैं कौन से बड़े नुकसान। 

 

ब्लड प्रेशर- सेहत से जुड़ी कई खबरों में यह बताया गया है कि क्रॉस-लेग बैठने वाले लोगों की नर्व्स पर दबाव पड़ने से उनका  ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।यही वजह है कि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित सभी रोगियों को इस तरह न बैठने की सलाह दी जाती है। 

 

ब्लड सर्कुलेशन होता है डिस्टर्ब- क्रॉस लेग बैठने से न सिर्फ ब्लड प्रेशर बल्कि व्यक्ति का ब्लड सर्कुलेशन भी गड़बड़ा जाता है। ऐसा इसलिए होता है जब आप एक पैर के ऊपर अपना दूसरा पैर रखकर बैठते हैं तो दोनों पैरों में बल्ड सर्कुलेशन अच्छे ढंग से नहीं हो पाता है। जिसकी वजह से पैरों में झंझनाहट होने लगती है।

 

पेल्विक मसल्स इंबैलंस- क्रॉस लेग बैठने से व्यक्ति की पेल्विक मसल्स इंबैलंस हो सकती हैं। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति रोजाना दिन में कई घंटे इसी स्थिति में बैठा रहता है। जिसकी वजह से उसकी थाइज में खिंचाव, सूजन, सुन्न और दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगती है। 

 

जॉइंट पेन- ऑफिस की कुर्सी पर रोजाना 8 से 9 घंटे क्रॉस लेग करके बैठने वाले लोगों को जॉइंट पेन की समस्या हो सकती है। 

 

नर्व पैरालिसिस – क्रॉस लेग करके लंबे समय तक बैठने से पॉल्सी या पेरोनियल नर्व पैरालिसिस की समस्या हो सकती है। रोजाना कई घंटे इसी स्थिति में बैठने से व्यक्ति की नर्व्स तक डैमेज हो सकती हैं। 

 

बचने के उपाय-
सिटिंग पॉजिशन चेंज करते रहें- एक ही पॉजिशन में बैठने की जगह थोडे़-थोड़े समय बाद अपनी सिटिंग पॉजिशन चेंज करते रहें। थोड़ी-थोड़ी देर में सीट से खड़े होकर बैठें। ऐसा करने से बॉडी मूवमेंट के साथ थकान भी महसूस नहीं होती है। ऐसा करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होने के साथ शरीर में ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति फ्रेश महसूस करता है।  

 

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