मुंबई, अक्टूबर 2021: एमएमए सर्किट में कदम रखने के बाद से अपनी पहली सात फाइट्स में से छह जीतने के बाद, 27 वर्षीय पूर्व भारतीय पहलवान रितु फोगाट अब अल्टीमेट चैलेंज के लिए तैयार हैं। सिंगापुर में वन: नेक्स्ट जेन के सेमीफाइनल में अब तक हर बार जीतती आई जापानी जुडोका, इत्सुकी हिराटा का सामना करने के लिए रितु अपनी ट्रेनिंग में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। “मेरा पूरा ध्यान हमेशा ग्रैंड प्रिक्स पर रहा है और अब यह मेरी कल्पना से कहीं ज्यादा करीब है। यह मेरे और मेरे देश दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिए मुझे एमएमए के वैश्विक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है। भारत में पहले कभी कोई महिला एमएमए चैंपियन नहीं रही और अब इसे बदलने का समय आ गया है।”
जुडो एक्सपर्ट और साथी पहलवान इत्सुकी हिराता से मुकाबला करने की अपनी योजना के बारे में रितु ने कहा, “मेरी प्रतिद्वंद्वी को हराना निश्चित रूप से बहुत कठिन है क्योंकि वे जूडो में बहुत अच्छी हैं। मैं अपने ग्राउंड गेम को बढ़ाने और अपनी प्रहार करने की क्षमता को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हूँ। और हालांकि लोग सोच सकते हैं कि हमारा लड़ने का तरीका एक जैसा है पर मुझे यकीन है कि कुश्ती से जुड़ा मेरा बैकग्राउंड मुझे बढ़त लेने में मददगार साबित होगा। चूंकि हम दोनों पहलवान हैं, इसलिए मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि यह मैच दर्शकों के दिलो-दिमाग में बसने वाला है।
सेमीफाइनल से पहले अपनी ट्रेनिंग के बारे में अधिक जानकारी देते हुए रितु ने कहा कि फ़िलहाल वह अपना सर्वश्रेष्ठ दे रही है। वे एक दिन में दो बार और सप्ताह में छह दिन प्रशिक्षण ले रही है। “मैं हमेशा बहाने बनाने के बजाए कोशिश करना पसंद करती हूँ। कभी-कभी, मैं दिन में तीन बार भी ट्रेनिंग करती हूं क्योंकि मेरे पापा ने हमेशा मुझसे कहा है कि कड़ी मेहनत ही चैंपियनशिप जीतने का एकमात्र शॉर्टकट है। यह बिल्कुल सही है कि कड़ी मेहनत किसी के साथ विश्वासघात नहीं करती है। आपके हाथ में है पूरे फोकस के साथ कोशिश करना। जितना ज्यादा मैं ट्रेनिंग करती हूं, उतना ही ज्यादा आत्मविश्वास से भर जाती हूं, उतना ही ज्यादा अपने आप में कुशल और अजेय महसूस करती हूं। कुश्ती और स्ट्रेंथ कंडीशनिंग से लेकर स्पैरिंग और स्ट्राइकिंग तक, मेरी ट्रेनिंग में एमएमए स्किल्स का एक बड़ा सेट शामिल है।”
भारत में लंबे समय तक अपने घर से दूर रहने और लगातार दूसरे साल दिवाली के उत्सव को परिवार से दूर अकेले मनाने के बावजूद रितु बड़ी बहादुरी से कहती है कि “मेरे परिवार और मेरे सभी प्रशंसकों को मेरा दिवाली उपहार सेमीफाइनल में मेरी जीत होगी। मैं लंबे समय से घर से दूर रह रही हूं लेकिन फिर भी मुझे पता है कि जब मैं इस मुकाबले को जीत जाउंगी तो अंततः यह संघर्ष सार्थक हो जाएगा।”
वह आगे कहती हैं, “मेरे सामने एमएमए को चुनने का मौका ऐसे समय में आया है जब मैं अपने कुश्ती के करियर के चरम पर थी। कुश्ती में हमारा प्रतिनिधित्व बहुत कम है और मैं चाहती थी कि दुनिया एमएमए स्पेस में भारत को एक नए नजरिए से देखे। इस दौरान मेरी बहनों और मेरे पापा ने काफी मदद की और मैं खुद को उनके दृढ़ विश्वास के योग्य साबित करना चाहती हूं।”
जब उनसे पूछा गया कि वह युवा महिला एथलीटों से क्या कहना चाहेंगी, तो रितु का संदेश सरल था, “विश्वास करो कि तुम कर सकते हो और तुमने इसे पहले ही कर लिया होता। यह हमेशा आसान नहीं होगा लेकिन यह आपको मजबूत बनाएगा। आपकी मेहनत आपकी यात्रा की गति को निर्धारित करेगी, इसलिए इसे जारी रखें। आइए एक-दूसरे के लिए विकास, प्रोत्साहन और सशक्तिकरण के अवसर उपलब्ध कराएं।”
हल्के-फुल्के अंदाज में, जब उनसे पूछा गया कि अगर उनके जीवन पर एक फिल्म बनाई जाए तो वह किसे चुनेंगी और वह चाहती हैं कि फिल्म निर्माता किस हिस्से को छोड़ दें, रितु ने दृढ़ता से कहा, “जब खेल की बात आती है, तो लोग केवल देखते हैं महिमा और प्रशंसा। लेकिन मैं चाहती हूं कि लोग यह जानें कि इस ग्लैमरस सफलता के पीछे वर्षों की कड़ी मेहनत, पसीना और आंसू होते हैं। सफल होने के लिए धैर्य और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है, और इसमें कोई चमक नहीं है। आप कठोर प्रशिक्षण करते हुए बिताए गए कठिन दिनों या हार के बाद दुःख महसूस करते हुए बिताई गई रातों को नहीं भूल सकते। जहां तक यह सवाल है कि बड़े पर्दे पर मैं किसे अपना रोल निभाते हुए देखना चाहती हूं तो मुझे लगता है कि मेरे जीवन को मुझसे बेहतर तरीके से कोई भी नहीं दिखा सकता है।”
वन: नेक्स्ट जेन मेन इवेंट में वर्ल्ड टाइटल ट्रिलॉजी बाउट होगा, जिसमें पहले वन हैवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में मौजूदा लाइट हैवीवेट किकबॉक्सिंग किंग रोमन क्रिकलिया अपने पुराने दुश्मन इराज अजीजपोर से भिड़ेंगे। इस शो में स्टैम्प फेयरटेक्स और जूली मेज़बारबा भी इंडियन टाइग्रेस के साथ वन विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री सेमीफाइनल में भाग लेंगी।
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