विदेशों से मदद लेने वाले 20 हज़ार से ज्यादा एनजीओ का लाइसेंस गृह मंत्रालय ने किया रद्द

न्यूज़ डेस्क : ‘विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम’-‘एफसीआरए 2010’ के बाद महज पांच-दस फीसदी लाइसेंस पहले चार वर्षों में रद्द किए गए थे। उसके बाद साल 2015 से इन संगठनों की गहन छानबीन शुरू हुई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए विशेष टीम का गठन किया था…

 

 

देश के विभिन्न राज्यों में पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। करीब 20,673 संगठनों के खिलाफ ‘विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम’ यानी ‘एफसीआरए 2010’ के तहत हुई इस कार्रवाई में उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। अब ये संगठन विदेश से आर्थिक मदद नहीं ले सकेंगे।

 

इनमें उत्तरप्रदेश के 1,848, बिहार के 1,101, केरल के 1,143, कर्नाटक के 1,444 और जम्मू-कश्मीर के 64 गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं।

 

खास बात है कि विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम’-‘एफसीआरए 2010’ के बाद महज पांच-दस फीसदी लाइसेंस पहले चार वर्षों में रद्द किए गए थे। उसके बाद साल 2015 से इन संगठनों की गहन छानबीन शुरू हुई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए विशेष टीम का गठन किया था।

 

 

इस कार्य में वित्त एजेंसियों की भी मदद ली गई। जांच में सामने आया कि बहुत से गैर-सरकारी संगठन, तय नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जिस मकसद के लिए गैर-सरकारी संगठनों को एफसीआरए का लाइसेंस दिया गया था, वह कोसों दूर तक नहीं दिखाई पड़ा।

 

तकरीबन हर राज्य में ऐसे अनेक संगठन कथित गोलमाल में फंसे थे। लाइब्रेरी नेटवर्क, डालमिया सेवा ट्रस्ट, क्रेडिट यूनियन प्रमोशन कमेटी, कंसर्न ऑफ इंडिया स्कूल, बच्चों की देखदेख, बुजुर्गों की सेवा, कृषि, स्वास्थ्य, संस्कृति का प्रचार प्रसार, ग्रामीण विकास, पर्यावरण, जल बचाओ, विभिन्न समुदायों के संगठन और कई सस्थाओं ने भी अपने नाम पर एफसीआरए का लाइसेंस ले रखा था।

 

इसके जरिए इन्हें विदेश से आर्थिक मदद मिल जाती थी। सरकार ने जब इनकी जांच कराई तो कई राज्यों में इन संगठनों की गतिविधियां ठीक नहीं पाई गई। जिस कार्य के लिए संगठन बनाया गया था, उसकी जगह वहां पर कुछ और ही चल रहा था। कई स्थानों पर इन संगठनों का इस्तेमाल धर्म व किसी जाति विशेष को दूसरी दिशा में ले जाने का काम हो रहा था।

 

इस दौरान गैर-कानूनी कार्यों की रिपोर्ट भी सामने आई। सरकार ने एफसीआरए के तहत जो नियम बनाए थे, उनका पालन नहीं हो रहा था। कुछ संगठन तो ऐसे भी सामने आए, जिनकी नींव ही फर्जी दस्तावेजों पर आधारित थी।

 

2015 से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन संगठनों की जांच करानी शुरू की तो लाइसेंस रद्द होने का आंकड़ा बीस हजार को पार कर गया। खास बात है कि 2015 के बाद ही 80 फीसदी से अधिक लाइसेंस रद्द किए गए हैं।

एफसीआरए के तहत रद्द किए गए गैर-सरकारी संगठनों के लाइसेंस

राज्य                          लाइसेंस रद्द (2015-19)             2015 से पहले        

दिल्ली                            893                                   285  

जम्मू-कश्मीर                     64                                     04  

हरियाणा                        147                                      27

कर्नाटक                         444                                   264

उड़ीसा                         1202                                   159  

केरल                           1143                                   438

बिहार                           1101                                    26

उत्तरप्रदेश                     1848                                    68

आंध्रप्रदेश                      2025                                  459

पश्चिम बंगाल                   1717                                  372

महाराष्ट्र                          2024                                 323

गुजरात                            699                                 154

अरुणाचल प्रदेश                  47                                   06

असम                             219                                   06

 

 

नए के मुकाबले पुराने लाइसेंस रद्द होने की संख्या कई गुना

गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने पिछले संसद सत्र में बताया था कि ‘विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम’-‘एफसीआरए 2010’ के अंतर्गत धार्मिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों के लिए 2017, 2018 व 2019 में क्रमश: 1011, 520 व 623 गैर-सरकारी संगठनों को लाइसेंस प्रदान किया गया था।

 

दूसरी ओर इसके उल्लंघन के चलते केंद्र सरकार ने 6676 सस्थाओं के पंजीकरण प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है। 2017 में धार्मिक श्रेणी के 627, सांस्कृतिक श्रेणी में 1817 व शैक्षणिक श्रेणी के 3316 लाइसेंस रद्द किए गए। इसी तरह 2019 में इन्हीं श्रेणियों में क्रमश: 273, 714 व 1297 लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।

 

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