चंडीगढ़। हरियाणा में जाटों समेत छह जातियों को सबसे अधिक नौकरियां मिली हुई हैैं। राज्य की कुल सरकारी नौकरियों में जाट, जट सिख, रोड, बिश्नोई, त्यागी और मूला जाटों की हिस्सेदारी 31.35 फीसद है। उन्हें 75 हजार 840 सरकारी नौकरियां मिली हुई हैैं, जो कि सबसे ज्यादा हैैं। प्रदेश में कुल 2 लाख 41 हजार 937 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं।
पिछड़ा वर्ग आयोग के पास पहुंचे हरियाणा सरकार के नौकरियों के जातिगत आंकड़े
हरियाणा में सामान्य वर्ग के लोगों की नौकरियों का फीसद 21.04 है। उन्हें कुल 50 हजार 914 नौकरियां मिली हुई हैैं, जबकि पिछड़ा वर्ग (ए) में 14.57 फीसद नौकरियां हैैं। इस श्रेणी के सरकारी नौकरी प्राप्त लोगों की संख्या 35 हजार 247 है। पिछड़ा वर्ग (बी) श्रेणी में 12.05 फीसद नौकरियां मिली हुई हैैं, जो कि 29 हजार 157 बैठती हैैं। एससी वर्ग में 20.99 फीसद यानी 50 हजार 776 नौकरियां दी गई हैैं।
जाटों को आरक्षण देने के मामले में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरियां कर रहे कर्मचारियों के जातिगत आंकड़े पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंप दिए हैैं। पिछड़ा वर्ग आयोग ने इन आंकड़ों पर अब 30 दिसंबर तक आपत्तियां मांगी है।
पिछड़ा वर्ग आयोग को 31 मार्च 2018 तक अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपनी है, जिस पर हाईकोर्ट आरक्षण का नया प्रारूप तय करेगा। पिछली हुड्डा सरकार और मौजूदा मनोहर लाल सरकार ने जाटों समेत इन छह जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग में दस फीसद आरक्षण दिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी और पूरी रिपोर्ट पिछड़ा वर्ग आयोग से मांगी थी। इसी आधार पर आयोग ने हरियाणा सरकार ने जातिगत आंकड़े तलब किए थे।
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