न्यूज़ डेस्क : वाराणसी में सपा प्रत्याशी को लेकर रविवार शाम से अंदरखाने मचे घमासान के बीच सोमवार दोपहर तक खेमेबंदी और ड्रामेबाजी चलती रही। देर रात तक फौजी तेज बहादुर के नाम की चर्चा के बीच सोमवार सुबह बतौर प्रत्याशी शालिनी यादव के साथ ही जुलूस निकाला गया।
लेकिन नामांकन स्थल पर नजारा बदल गया। तेजबहादुर का पर्चा दाखिल कराने के साथ चुनाव चिह्न भी अलाट कर दिया गया। नामांकन जुलूस के लिए पहले से तय स्थल नगर निगम के मुख्य गेट के सामने सोमवार को सुबह 11 बजे से सपा और बसपा कार्यकर्ताओं की जुटान शुरू हुई। शहर के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्रों से भी दोनों दलों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी पहुंचे थे। शालिनी यादव के पक्ष में नारेबाजी हो रही थी।
करीब 11.30 बजे खुली जीप में शालिनी यादव सवार हुईं, उनके साथ सपा की स्थानीय नेत्रियां थीं। सामने जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष यादव और नगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, पीछे कार्यकर्ता थे। बसपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण राम एडवोकेट पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ थे। वाराणसी के सपा के प्रदेश स्तरीय नेता नहीं थे लेकिन जुलूस में शामिल कार्यकर्ता उत्साहित थे। शहीद उद्याँन से नामांकन जुलूस आगे बढ़ा तो जगह-जगह सपा व बसपा कार्यकर्ताओं का जत्था स्वागत के लिए तैयार था।
बाइक सवार कार्यकर्ता एक तरफ सपा तो दूसरी तरफ बसपा का झंडा लगाये इंतजार कर रहे थे। शालिनी यादव भी महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ-साथ लोगों का अभिवादन करते आगे बढ़ती रहीं।
आंबेडकर पार्क में बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं के साथ कचहरी पहुंचीं। इसी बीच सपा प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी की ओर से फौजी तेज बहादुर को पार्टी प्रत्याशी बताये जाने के बाद कार्यकर्ता भी भौंचक रह गये। उत्साह ठंडा पड़ गया। समझ नहीं आ रहा था कि किस प्रत्याशी के नाम से नारे लगाएं।
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