सार
- पत्थलगड़ी समेत कई आंदोलनों में शामिल लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे
- शपथ लेने के बाद ही की कैबिनेट बैठक, कई खाली पदों को भरा जाएगा
- दुष्कर्म मामलों से निपटने के लिए बनेंगी फास्ट ट्रैक अदालतें
न्यूज़ डेस्क : हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए। रविवार को शपथ लेने के बाद शाम को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता सोरेन ने कैबिनेट की बैठक ली।
इस बैठक में फैसला लिया गया कि पत्थलगड़ी, सीएनटी और सीपीटी आंदोलन के दौरान लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएंगे। यह भी फैसला लिया गया कि राज्य की पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 6 जनवरी 2020 से शुरू होगा। विधायकों को शपथ दिलाने के बाद स्टीफन मरांडी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जाएगा।
ये अहम फैसले लिए गए :
- राज्य सरकार के विभागों में खाली पड़े पद भरे जाएंगे
- यौन उत्पीड़न और अपराधों के संबंध में हर जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होगा
- न्यायिक पदाधिकारियों के पद का भी सृजन करने का निर्णय लिया गया
- आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका और अनुबंधित कर्मियों, पेंशनभोगियों व छात्रवृत्तियों के लंबित भुगतान कैंप लगाकर दिए जाएंगे
- हर जिले में गरीब और पात्र व्यक्तियों के बीच कंबल, ऊनी टोपी वितरण का काम करें
- सर्दी में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने का फैसला लिया गया है
- झारखंड राज्य सरकार के प्रतीक चिह्न को भी नया रूप मिलेगा
एक्ट में बदलाव का हुआ था विरोध :
भाजपा की पिछली सरकार ने छोटा नागपुर टेनेंसी एक्ट (सीएनटी) और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट (एसपीटी) में बदलाव किए थे। इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
पत्थलगड़ी ऐसे बना मुद्दा :
आदिवासी अपने मृत परिजनों की याद में पत्थर गाड़ते हैं। उनके लिए यह काफी अहम है। वर्ष 2017 में खूंटी जिले में पत्थलगड़ी की सूचना पर पुलिस पहुंची और लोगों ने उन्हें बंधक बना लिया। बाद में एसपी समेत 300 पुलिसकर्मियों को भी रातभर बंधक बना लिया गया। बाद में लंबी बातचीत के बाद उन्हें छोड़ा गया।
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