बिना पूरी अनुसंधान ही स्वास्थ्य कर्मचारियों एचसीक्यू लेने की सलाह

न्यूज़ डेस्क : कोरोना को लेकर एक बार फिर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन एचसीक्यू सुर्खियों में है। एक दिन पहले ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद आईसीएमआर का अध्ययन सामने आया है, जिसमें सलाह दी गई है कि अगर दवा की छह डोज लेने के साथ-साथ पीपीई व मास्क वगैरह का ध्यान रखा जाए तो स्वास्थ्य कर्मचारियों की चपेट में आने की आशंका बेहद कम होती है हालांकि इस अध्ययन को लेकर देश के विशेषज्ञों ने सवाल खड़े किए हैं इसके पीछे मुख्य वजह बीते 22 मई को जारी आईसीएमआर की गाइडलाइन है जिसमें एचसीक्यू को सुरक्षित माना गया है।

 

 

अध्ययन से पहले गाइडलाइन कैसे दी जा सकती है
विशेषज्ञों का कहना है कि अध्ययन में 8 से 23 मई के बीच सैंपल लिए गए हैं। इससे जाहिर होता है कि अध्ययन से पहले ही आईसीएमआर ने गाइडलाइन जारी कर दीं। हालांकि आईसीएमआर की ओर से इन सवालों पर जानकारी नहीं दी गई है इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में 31 मई को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार एचसीक्यू दवा की चार डोज से ज्यादा लेने पर कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है। इस अध्ययन में देश के अलग-अलग अस्पतालों में संक्रमित हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों को शामिल करते हुए फोन पर उनसे सवाल-जवाब किए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार एचसीक्यू के तीन सबसे आम दुष्प्रभाव जी मचलना, सिर दर्द और दस्त थे। किसी भी कोरोना नेगेटिव ने घबराहट की शिकायत नहीं की केवल एक को राणा पॉजिटिव ने इसकी शिकायत की एचसीक्यू के सेवन के बाद बहुत कम स्किन रैशेज दिखाई दिए।

 

समझ से बाहर है अध्ययन: कालांत्री
महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष एसपी कालांत्री का कहना है कि अध्ययन में चार से ज्यादा डोज की पुष्टि की गई है। लेकिन इस परिणाम को विस्तृत से नहीं बताया गया। अध्ययन में पहले से बीमार मरीजों की मौत ईसीजी मॉनिटरिंग के अलावा एचसीक्यू दवा लेने वालों की हार्टबीट (दिल की धड़कन) तक नहीं जांची गई है। ऐसे में यह कहना है कि दौड़ रोज खाने से रिस्क कम नहीं होगा 4 डोज लेने पर 50 फीसदी तक वायरस की आशंका कम हो जाएगी। यह एकदम समझ से बाहर है।

 

 

अध्ययन का यह है परिणाम
अध्ययन के दौरान पहले समूह के 378 में से 206 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि कोरोना संक्रमित होने से पहले उन्होंने एचसीक्यू दवा का सेवन नहीं किया था। इसी समूह के 57 लोगों ने पीपीई, 68 ने मास्क, 212 ने कैप, 226 ने गाउन कभी नहीं पहनने की बात को भी स्वीकार किया। वहीं दूसरे समूह में कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मचारी थे कुल 373 में से 180 कर्मचारियों ने एचसीक्यू का सेवन नहीं किया था जबकि 193 कर्मचारियों ने दवा ली थी। इनमें से 56 में से 6 से ज्यादा, 67 ने चार से पांच और 37 कर्मचारियों ने एचसीक्यू दवा की 2 से 3 लोग ही ली थीं। इसी परिणाम के आधार पर आईसीएमआर ने सलाह दी है कि अगर 6 से ज्यादा डोज और पीपीई, मास्क, ग्लब्स सरीखे सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया जाए तो, स्वास्थ्य कर्मचारियों में कोरोना वायरस की आशंका को बहुत कम किया जा सकता है।

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