न्यूज़ डेस्क : आज कल सोशल मीडिया पर झूठी खबरें भी तेजी से फैल रही हैं। कई वेबसाइट्स में यह दावा किया गया है कि हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की कंपनी ओयो दिवालिया हो गई है। लेकिन यह वास्तविकता नहीं है। ओयो के संस्थापक और सीईओ रितेश अग्रवाल ने ट्वीट कर रहा है कि, ‘सोशल मीडिया पर एक पीडीएफ तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें यह दावा किया गया है कि ओयो ने दिवालियापन के लिए दायर किया है। लेकिन यह बिल्कुल असत्य और गलत है।’
क्या है मामला?
दरअसल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल (NCLT) ने ओयो समूह की सहायक कंपनी ओयो होटल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड (OHHPL) के खिलाफ कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी मान ली है। अब इस मामले पर एनसीएलटी द्वारा दिए गए आदेश को ओयो ने एनसीएलएटी में चुनौती दी है, ना कि दिवालियापन के लिए दायर किया है। एनसीएलटी के आदेश में कहा गया है कि ओयो होटल्स एंड होम्स के क्रिएटर्स को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को 15 अप्रैल से पहले अपना क्लेम सौंपना होगा। इसके बाद ही सोशल मीडिया पर एक पीडीएफ तेजी से वायरल हो रही है। मालूम हो कि ओयो ने अपनी सहायक कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी द्वारा दिए गए उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उसे क्रेडिटर को 16 लाख रुपये देने हैं। कंपनी का कहना है कि यह रकम दावेदर के पास जमा कर दी गई है।
ओयो महामारी के प्रभाव से धीरे-धीरे उबर रही है और हमारे सबसे बड़े बाजारों में कंपनी मुनाफे के साथ परिचालन कर रही है। पिछले महीने रितेश अग्रवाल ने कहा था कि ओयो का भारत कारोबार अब सकारात्मक राह पर चल पड़ा है। जनवरी 2021 के बाद से कंपनी वैश्विक कारोबार में कोविड-पूर्व के स्तर पर सकल मुनाफा अर्जित करने लगी है। वर्ष 2021 में ओयो सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। हमें भारत भर में इसमें सुधार के संकेत मिल रहे हैं। इसके साथ ही यूरोप और दक्षिण पूर्वी एशिया में भी कंपनी का कारोबार सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। कोविड- 19 संकट के दौरान कंपनी का बने रहना और उसके बाद इसके आगे बढ़ना यह दिखाता है कि हम एक मजबूत बुनियाद और बेहतर संभावनाओं वाली कंपनी है।
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