चंडीगढ़। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा पेश किए जाने वाले हरियाणा सरकार के चौथे बजट में इस बार किसानों पर फोकस रहेगा और अंत्योदय योजनाओं के लिए धन में बढ़ोतरी संभव है। हरियाणा को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी खासी आस है। हरियाणा चाहता है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में केंद्र सरकार का हिस्सा बढ़े।
राज्य का नया बजट तैयार करने में जुटी कैप्टन की फौज
हरियाणा में करीब 25 लाख लोगों को 1800 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी मात्र 300 रुपये है, जो कि पिछले छह सालों से नहीं बढ़ी है। उधर, हरियाणा सरकार ने पिछले साल एक लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया था, लेकिन सरकारी विभाग अभी तक पूरा बजट खर्च नहीं कर पाए हैं।
वर्ष 2017-18 के दौरान 30 नवंबर 2017 तक कुल राजस्व प्राप्ति 38474 करोड़ रुपये रही है, जो कि 2017-18 में 68812 करोड़ रुपये के बजट अनुमान का मात्र 56 फीसद है। आबकारी शुल्क के तहत सिर्फ 3578 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुई हैं, जो कि 6100 करोड़ रुपये के बजट अनुमान का मात्र 58 फीसद है। बिक्री कर (जीएसटी) के तहत हरियाणा सरकार के खजाने में मात्र 20148 करोड़ रुपये आए, जो कि 30500 करोड़ रुपये के बजट अनुमान का मात्र 66 फीसद है।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने सभी विभागाध्यक्षों को बजट की राशि तुरंत खर्च करने, नए बजट प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को सौंपने और करों की बकाया वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए प्री-बजट मंथन बैठकों का दौर जारी है। कैप्टन विभागीय अधिकारियों के साथ अब तक तीन बैठकें कर चुके हैं। मनोहर सरकार द्वारा मंत्रियों के साथ बैठक करने की नई परंपरा भी शुरू की गई है। अभी तक दो बार बैठकें की जा चुकी है और इस बार तीसरी दफा बैठक होगी, जिसकी तारीख तय की जानी बाकी है।
जल प्रबंधन व जैविक खेती के लिए चाहिए विशेष पैकेज
हरियाणा का बजट 10 मार्च के आसपास आने की संभावना है। इस बीच हरियाणा को केंद्रीय वित्त मंत्री की पोटली से भी काफी आस है। प्री-बजट सलाहकार बैठक में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने केंद्र से सब्सिडी पर जैविक बीज उपलब्ध कराने और जल प्रबंधन कार्यक्रमों के लिए विशेष पैकेज की मांग की है।
समान काम के लिए समान वेतन देने को केंद्र से आस
हरियाणा ने केंद्रीय वित्त मंत्री से कर्मचारियों के लिए राशि की मांग की। इस मद में सरकारी कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार बनाया गया है।
स्वास्थ्य मिशन और सर्व शिक्षा अभियान भी केंद्र के बिना अधूरे
हरियाणा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और सर्व शिक्षा अभियान के तहत भी केंद्र से अधिक धनराशि की दरकार है। आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स के मानदेय में बढ़ोतरी करने की अपनी मंशा से केंद्र को अवगत कराते हुए हरियाणा ने कहा है कि कौशल विकास योजना के तहत या तो 1500 रुपये की सीमा को हटाया जाए और अदा किए गए स्टाईफंड की 25 फीसद की दर से प्रतिपूर्ति की जाए या केंद्र सरकार द्वारा कम से कम 2000 रुपये प्रतिमास प्रति अप्रेंटिस समस्त प्रशिक्षण अवधि के लिए किया जाए।
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