इंदौर, 9 मार्च, 2019। मासिक चक्र और मेनोपॉज स्त्री स्वास्थ्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण तथा प्राकृतिक प्रक्रिया है। ये कोई बीमारी नहीं है। लेकिन जानकारी का अभाव और अपने ही शरीर को लेकर बनी हिचक महिलाओं को इन प्रक्रियाओं के बारे में बात करने से रोकते हैं। यही हिचक आगे जाकर गंभीर बीमारियों और कई मामलों में जान जाने का कारण बन जाती है। इसलिए इस हिचक को छोड़िए और अपने स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात कीजिये।
यह बात अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के संदर्भ में आयोजित एक कार्यकम में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. नमिता शुक्ला ने महिलाओं को कई महत्वपूर्ण जानकारियां देते हुए कही। डॉ. शुक्ला ने विशेषतौर पर पीरियड्स यानी मासिक चक्र तथा मेनोपॉज के संदर्भ में हाइजीन रखने, स्वस्थ डाइट अपनाने और एक्सरसाइज को नियमित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अधिकांश महिलाएं इन विषयों पर डॉक्टर तो क्या अपने परिवार में भी बात करने से झिझकती हैं, शर्मिंदा होती है।
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यही कारण है कि वे किसी रोग या संक्रमण के गंभीर होने पर ही डॉक्टर के पास पहुंचती हैं और समय पर इलाज पाने से वंचित हो जाती हैं। आज चिकित्सा विज्ञान ने इतनी तरक्की की है कि विशेषकर महिलाओं के मामले में कई गंभीर बीमारियों का इलाज और कई बीमारियों से बचाव के टीके उपलब्ध हैं। महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी तकलीफ और समस्याओं के बारे में खुलकर बात करें, अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें और स्वस्थ ज़िंदगी जियें। इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को निशुल्क सैनेटरी नैपकिन्स का वितरण भी किया गया।
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