गुरमीत को फैसला अपने खिलाफ का था अंदेशा, पहले ही कर ली थी पूरी तैयारी

सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीेम को साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में अदालत का फैसला अपने खिलाफ अाने का अंदेशा पहले ही हो गया था। इसके मद्देनजर उसने पहले ही सारी तैयारियां कर ली थीं। डेरे की कमेटी रणनीति तैयार करने में जुट गई थी।17 अगस्त से ही डेरे में बैठकोंं का दौर शुरू हो गया था।  इन बैठकों में कोर्ट का फैसला गुरमीत के खिलाफ आने पर हिंसा फैलाने व आगजनी करने आदि भी चर्चाएं होती रहीं।

हिंसा के अारोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को मिली अहम जानकारियां

यह खुलासा पुलिस की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में किया गया है। चार्जशीट में इसका उल्लेख गिरफ्तार लोगों के हवाले से सामने आया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में से एक के हवाले से बताया गया है कि वह डेरे में भंगीदास रहा है और 17 अगस्त को ही जब सीबीआइ कोर्ट ने बाबा को पंचकूला कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया तभी गुरमीत के खिलाफ फैसले की आशंका हो गई थी।

उसके अनुसार, 17 अगस्‍त से ही डेरे में रोजाना बैठकें हुई, जिसका मकसद सरकार पर दबाव बनाकर बाबा की रिहाई करना था। पुलिस के समक्ष आया कि 15 सदस्यीय कमेटी के सदस्य इन बैठकों में शामिल रहे और मुख्यत: डेरा प्रमुख व हनीप्रीत के नजदीक लोग ही इन बैठकों का हिस्सा लेते थे। इस बयान में यह भी कहा गया कि अदालत का फैसला खिलाफ आए तो हिंसा फैलानी है। मजलिसों में भी भड़काऊ भाषण दिए गए और डेराप्रमियों को भड़काया गया। उनसे कहा जाता था कि चुप नहीं बैठेंगे चाहे नुकसान कितना भी हो।

छह लोगों की मौत मामले में मधुबन से अभी नहीं आई रिपोर्ट

25 अगस्त को सिरसा में हुए उपद्रव में छह लोगों की मौत हुई। मौत पुलिस की गोली से हुई या भीड़ में से की गई फायङ्क्षरग से इसकी रिपोर्ट मधुबन से अभी नहीं आई है। हालांकि सिरसा के उपायुक्त की ओर से हाई कोर्ट में दी गई जानकारी में कहा गया है कि पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत हुई है, लेकिन पुलिस अभी मधुबन की रिपोर्ट के बाद ही इसका खुलासा कर पाएगी।

News Source: jagran.com

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