GST का प्रभाव अनाज,दालो,आटे,बेसन,आयल ,DOC,केक पर और ब्रांडेड पैक पर क्या रहेगा

 

GST का प्रभाव अनाज,दालो,आटे,बेसन,आयल ,DOC,केक पर और ब्रांडेड पैक पर क्या रहेगा ,जाने

अब कॉटन सीड(१२०७ ),सोयाबीन सिड (१२०१),मूंगफली (१२०२),खोपरा (१२०३),लिनसीड(१२०४),रेपसीड (१२०५),सुन्फ्लोवेर सीड (१२०६),  पर 5% टैक्स लग गया है,अब खरीदी करने वाले की कास्ट बढ़ जाएगी क्यों की उसे खरीदी किसान से करते ही 5% टैक्स रिवर्स चार्ज के अंतर्गत देना है, क्योकि किसान तो अन रजिस्टर्ड आदमी है. लोग confusion  में आ रहे है इसका कारण की जो सीड क्वालिटी है जो बोने के काम आती है वह फ्री याने जीरो टैक्स की लिस्ट में है लेकिन जो व्यापारी खरीदी करके तेल निकालने और केक निकालने का काम करेगा तो खरीदी पर रिवर्स चार्ज के अंतर्गत टैक्स देना है  इसी प्रकार करीब करीब सभी सीड को जैसे सोयाबीन, केस्टर, muster, ऐसे ही बाईफरकेट किया है. सरकार की मंशा साफ है की जो किसान के काम की चीज है मतलब बुआई के लिए बिज रहेगा वह टैक्स फ्री है  और इससे जो आयल केक बनेगा वह टैक्स फ्री है (२३०६) जो जानवरों के खाने के काम आता है और इनमे से जो तेल बनेगा उस पर व्यापारी से 5% टैक्स वसूल कर पायेगा मतलब उसके पास

                          इनपुट टैक्स क्रेडिट बच जाएगी. जिसका रिफंड नहीं मिल पायेगा सामान्यतया १०% से २०% तेल निकलता है बाकि केक निकलता है.  

अब सोयाबीन का का डी आयल केक (DOC) तो एक्सपोर्ट होता है इसलिए उनको इस पर रिफंड थोडा मिल सकता है लेकिन इसमें छुपी हुयी बड़ी  समस्या ये आ रही है की दुसरे देश यहाँ माल बेचने आ जायेंगे क्यों की आजकल घरेलु उपभोग बहुत ज्यादा हो गया है और भारत अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में भारत कम्पीटीशन नहीं कर पा रहा है जबरजस्ती जैसे तैसे १५% DOC एक्सपोर्ट हो पा रहा है GST लगने से और उसका रिफंड नहीं मिलने से भारत का DOC वर्तमान की तुलना मे और महंगा पड़ेगा तो हम एक्सपोर्ट नहीं कर पाएंगे उल्टा विदेशी लोग भारत को एक्सपोर्ट कर देंगे जिससे भारत में सोयाबीन के भाव किसान को वर्तमान की तुलना में और कम मिलेंगे. इसी प्रकार सभी तेलों और केक की स्थिति हो रही है.

इसप्रकार  लोगो को INPUT TAX CREDIT जो जमा हुआ है,का रिफंड नहीं मिल पायेगा और वह डूब जायेगा.

केक, खली या कोकट उसे कहते है जो उपरोक्त सिड में से तेल निकालने के बाद बचता है जैसे (२३०२,२३०४(सोयाबीन),२३०५(मूंगफली),२३०६(इसमें सभी तरह की चीजे शामिल है जैसे कॉटन सीड ,लिनसीड,SUNFLOWER सिड रेपसीड खोपरा,केस्टर सीड ,२३०९ इसमें अन्य को शामिल किया गया है जो जानवरों के खाने के काम आती है) इन सभी पर  टैक्स नहीं लगेगा इसमें गन्ने के केक(२३०३) को अलग रखा गया है क्यों की यह स्टार्च से संभंधित है और दारू बनाने के काम आती है,  

                        अब सीरियल्स मतलब अनाज जैसे गेहू एंड मेस्लिन (मिक्स उपज)(१००१)राई (१००२) ,बार्ले(१००३), ओअट्स(१००४),मैजे कॉर्न(१००५),राइस(१००६), ग्रेन सोरघम (१००७) ,ज्वर,बाजरा ,रागी (१००८) की खरीदी बिक्री पर कोई टैक्स नहीं है लेकिन

इसे पैक करके रजिस्टर्ड ब्रांड नेम से बेचने पर 5% टेक्स लगेगा. मेरी राय में जो ब्रांड कही भी रजिस्टर्ड नहीं है जैसा की गली गली में दूकान दूकान वालो के अपने अपने ब्रांड है वे सभी अन ब्रांडेड ही माने जायेंगे जब तक की ब्रांडेड लॉ का उल्लंघन नहीं होवे. ब्रांडेड उन्हें मानेंगे जो कही न कही रजिस्टर्ड है

इसी प्रकार सभी प्रकार की दालों,चना, गार सीड, LENTILS(इसमें सभी प्रकार की दाले आती है जिसमे प्रोटीन की मात्र ज्यादा होती है जिसको HSN कोड ०७१३ ड्राईड लेगुमिनोउस वेजिटेबल बोलते है (मतलब कच्चा हो तो सब्जी के रूप में खाया जा सके और सामान्यतः जो छिलके मे पैदा होती है) को जीरो रेट में रखा है मतलब टैक्स नहीं लगेगा.

अब आटा, मैदा बेसन, और सभी तरह के अनाज और दालो के पिसे हुए आटे को टैक्स फ्री रखा है लेकिन ब्रांडेड के अंतर्गत पैक करके बेचेंगे तो 5% टैक्स देना है

मतलब किसी भी चीज को जैसे अनाज, डाले, या सिड आपने ब्रांडेड में बेचा तो 5% टैक्स की दर से टेक्स लगना तय है.

मिक्स तेल या ब्लेंडेड खाने के तेल पर 5% की दर से टैक्स लगेगा.

ब्रेकेट में जो न. दिए है वह संभंधित इंटरनेशनल HSN कोड है जिससे आपको रिफरेन्स करना हो तो सुविधा रहेगी.

                                                 सीए भरत नीमा 

 

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