GST SPECIAL–जीएसटी क्या है सरलता और शांति से जाने

 अब सभी लोकल टैक्स जो प्रदेश की सरकार लगाती है जैसे वैट, लक्जरी टैक्स, प्रोफेशनल टैक्स, ऑक्ट्री, इंटरटेनमेंट टैक्स और भी विभिन्न नामों से जो प्रदेश सरकार टैक्स लगाती है और सबसे महत्वपूर्ण जो केंद्र सरकार सर्विस टैक्स मेन्युफेक्चरिंग पर एक्साइज, इंपोर्ट पर सीवीडी, एसएडी लगाती है जिसका विवरण हमें बिल में नहीं दिखता था और सरकार अप्रत्यक्ष रूप से लगाती थी वे सभी टैक्स अब एक ही बार और एक तरह का टैक्स मेन्युफेक्चरर एंड इम्पोर्टर को प्रथम स्टेज पर ही देना होगा जिसे हम जीएसटी कहेंगे।
हर स्थिति में इनपुट क्रेडिट टैक्स की मिलेगी
जीएसटी प्रथम सेलर लगाएगा और सेकंड सेलर अपने प्रॉफिट पर ही लगा पाएगा। इस प्रकार मल्टीपल टैक्स और विभिन्न तरीके के टैक्सेस से निजात मिलेगी। लोगों को सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स(सीजीएसटी), स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स(एसजीएसटी) और इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स(आईजीएसटी) में आपस में क्या संबंध है इन सभी के बारे में बहुत कंफ्यूजन है। ये तीनों नाम अलग-अलग है लेकिन सभी जीएसटी है। इन सभी की आपस में इनपुट क्रेडिट मिलेगी मतलब आईजीएसटी टैक्स पेड वस्तु खरीदी है और लोकल बेची है तो आपको बिल में एसजीएसटी लगाना है लेकिन आईजीएसटी पेड करके जो आपने खरीदी की है उस पर जो टैक्स अपने इनवाइस के आधार पर आईजीएसटी पेड किया है उतने अमाउंट की पूरी छूट मिलेगी। मतलब नाम में न जाते हुए हम सिंपल कह सकते हैं कि जीएसटी एक ही है और हमें इनपुट क्रेडिट मिलेगी ही भले ही हमने खरीदी आईजीएसटी, एसजीएसटी, सीजीएसटी पेड की हो। हमें हर स्थिति में इनपुट क्रेडिट टैक्स की मिलेगी।
रिटर्न भरते वक्त बरते सावधानी
हमें यह अच्छे से समझ लेना चाहिए कि जिस प्रदेश का व्यक्ति वस्तु का अंतिम उपभोग करेगा, उस राज्य को टैक्स मिलना चाहिए भले ही मेन्युफेक्चरिंग कही भी हुआ हो। इसमें केंद्र अपना हिस्सा लेता है। अब बड़े शहरों का टैक्स कम हो जाएगा क्योंकि वर्तमान में बड़ी कंपनी बड़े शहरों में ही है और उन्हें टैक्स ज्यादा मिल जाता है भले ही उपभोक्ता दूसरे राज्य का हो।
आइजीएसटी-यह केंद्र सरकार अपने पास टेम्पररी लेडगर में जमा रखेगी और उस राज्य के हिस्से में अलटीमेट देगी जहां फायनल वस्तु का उपभोग हुआ है। केंद्र अपना हिस्सा रख लेगी व राज्यों का हिस्सा ट्रस्टी के रूप में रखेगी।
सीजीएसटी-यह केंद्र का हिस्सा रहेगा जो आधा कुल जीएसटी का रहेगा।
एसजीएसटी-यह राज्यों का हिस्सा रहेगा। आईजीएसटी में से राज्यों को मिल जाएगा और जो लोकल है वह तो मिलेगा ही।

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