न्यूज़ डेस्क : अगले पांच साल में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाकर पांच लाख करोड़ डॉलर करने के लिए सरकार विकास दर को उठाने के लिए सुधार जारी रखेगी। साथ ही कारोबार को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को बिना गारंटी 50 लाख रुपये तक का ऋण भी मुहैया करायेगी। वहीं कारोबार की प्रक्रिया सरल बनाने के लिए राज्यों के साथ मिलकर नियम सरल बनाये जाएंगे। जल्द ही सरकार एक नई औद्योगिक नीति भी लाएगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह बात कही। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। महंगाई दर कम है, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है, विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ रहा है और ‘मेक इन इंडिया’ का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
2022 में देश जब आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा उस समय भारत विश्व की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की तरफ अग्रसर होगा और पांच लाख डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के निकट होगा। मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में आर्थिक सुधारों के साथ कृषि क्षेत्र में अपना निवेश बढ़ाएगी।
भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में तेजी से हो रहे काम का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जल्द ही नई औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत जीडीपी के आकार की दृष्टि से दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
विकास दर को उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए सुधार की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक भारत पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बने। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार उद्यमियों को 50 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराने की योजना शुरू करेगी।
वर्ष 2024 तक देश में 50 हजार स्टार्ट-अप भी स्थापित किये जाने का इरादा है। साथ ही टैक्स-व्यवस्था में निरंतर सुधार और सरलीकरण पर भी जोर दिया जा रहा है।
एमएसएमई को अर्थव्यवस्था का आधार करार देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि रोजगार सृजन में इस सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। छोटे उद्यमियों के व्यापार में कैश-फ्लो बना रहे, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।
साथ ही छोटे कारोबारियों को ऋण मुहैया कराने को क्रेडिट गारंटी कवरेज का दायरा एक लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने छोटे व्यापारियों के लिए नई पेंशन योजना शुरू की है।
अब जल्द ही ‘राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड’ का गठन किया जाएगा। साथ ही ‘राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति’ भी बनाई जाएगी। जीएसटी में पंजीकृत सभी व्यापारियों को 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जाएगा।
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