न्यूज़ डेस्क : पंजाब सरकार ने कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट के बीच प्रदेश की मंडियों में रबी सीजन की फसल खरीदने के लिए पुख्ता प्रबंध किए हैं। रविवार को राज्य में खरीद प्रबंधों का जायजा लेते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना ने बताया कि गेहूं की खरीद 15 अप्रैल को शुरू होनी है, लेकिन मंडी बोर्ड ने इसके लिए जरूरी बंदोबस्त कर लिए हैं।
उन्होंने बताया कि गेहूं की खरीद 31 मई तक होगी और अगर जरूरत पड़ी तो 15 जून तक चलेगी। प्रत्येक किसान को कूपन दिए जाएंगे, जिस पर वे 50-70 क्विंटल तक गेहूं की ट्राली लाने का हकदार होगा। मंडियों में भीड़ से बचने के लिए हर किसान, हर दिन या अलग -अलग दिन में खरीद केंद्रों में उपलब्ध जगह के आधार पर एक से अधिक कूपन के लिए भी हकदार होगा। ऐसे 27 लाख कूपन मार्केट कमेटियों द्वारा आढ़तियों को जारी किए जाएंगे।
खरीद तैयारियों संबंधी योजना का खुलासा करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 22,900 करोड़ रुपये का नकद कर्ज हद (सीसीएल) मंजूर की जा चुकी है, जिससे राज्य में खरीद के सुचारु प्रबंधों को यकीनी बनाया जा सकेगा। खन्ना ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर ठोस इंतजाम किए गए हैं। सभी 22 जिलों में 3691 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 153 प्रमुख फड़ियां, 280 छोटी फड़ियां, 1434 खरीद केंद्रों के अलावा इस सीजन के दौरान चावल मिलों में विशेष तौर पर 1824 फड़ियां बनाई गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मंडियों में इस बार 135 लाख टन गेहूं पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें से 135 लाख टन फसल सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा, जबकि दो लाख टन प्राइवेट व्यापारी खरीदेंगे।
182 लाख टन गेहूं मंडियों में पहुंचने का अनुमान
खन्ना ने बताया कि राज्य में गेहूं का कुल उत्पादन लगभग 182 लाख टन होने की आशा है और 17,500 मशीनें गेहूं की कटाई के काम में लगेंगी। इसी तरह गेहूं की भराई के लिए 4.82 लाख बोरियों की जरूरत है, जिनमें 3.05 लाख पहले से मौजूद हैं। इस सीजन के दौरान गेहूं रखने के लिए 52,570 तिरपालों की मांग सामने आई है, जबकि 47 हजार तिरपालों का बंदोबस्त कर लिया गया है और 32805 जालों में से 29261 का प्रबंध किया जा चुका है। इसी तरह गेहूं की बोरियां भंडारित करके रखने के लिए लकड़ी के क्रेटों का भी समय रहते इंतजाम किया जा रहा है। खन्ना ने आगे बताया कि एपीएमसी एक्ट में संशोधन का नोटिफिकेशन हो गया है, जिससे लिफ्टिंग के 48 घंटों के अंदर किसानों को आढ़तियों के द्वारा ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है।
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