न्यूज़ डेस्क : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा है कि वह 45 पार कर चुके लोगों की बजाय सभी नागरिकों को टीका लगवाने पर विचार करे। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार को नाइट कर्फ्यू पर विचार करने के साथ-साथ हाईस्कूल व इंटर के छात्रों की भी जांच कराने का निर्देश दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी।
कोर्ट ने पुलिस सहित सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सौ फीसदी मास्क पहनना अनिवार्य रूप से लागू करें। डीजीपी इसकी कार्य योजना तैयार कर अमल में लाएं। कोर्ट ने कहा है कि कहीं भी भीड़ इकट्ठा न होने दें, उसे तुरंत तितर-बितर करें।
पंचायत चुनावों के लिए नामांकन व प्रचार में भीड़ लेकर न जाने दें। प्रचार के समय कोरोना गाइड लाइन का पालन किया जाए। कोर्ट ने 45 वर्ष की आयु पार की बजाय सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन करने तथा घर-घर जाकर टीका लगाने पर सरकार को विचार करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार से देर शाम समारोहों में भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही रात्रि कर्फ्यू लगाने पर भी विचार करने को कहा है। कोर्ट ने मास्क, सैनिटाइजर की उपलब्धता बनाए रखने और उपयोग के बाद इसके निस्तारण पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अपनी जिम्मेदारी महसूस करें नागरिक
कोर्ट ने प्रदेश के लोगों से कोविड -19 गाइड लाइन के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करने की अपील की है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के कदम उठाए हैं, किंतु सरकारी निर्देशों का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को सरकारी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है।
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