सरकार खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खेलों के विकास में डिजिटल तकनीकी मंचों की भूमिका को मान्यता देती है: श्री अनुराग ठाकुर
‘खेल‘ राज्य का विषय होने के कारण खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों की होती है। केंद्र सरकार उनके प्रयासों को आगे बढ़ाती है। इसके बावजूद युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय देश में खेलों के विकास के लिए निम्नलिखित योजनाओं को कार्यान्वित करता है: (i) खेलो इंडिया योजना (ii) राष्ट्रीय खेल परिसंघों को सहायता (iii) अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में विजेताओं और उनके कोचों को विशेष पुरस्कार (iv) राष्ट्रीय खेल पुरस्कार (v) मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन (vi) पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खेल कल्याण कोष (vii) राष्ट्रीय खेल विकास निधि, और (viii) भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से खेल प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन।
सरकार खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खेलों के विकास में डिजिटल तकनीकी मंचों की भूमिका को मान्यता देती है। इसके अनुरूप सरकार ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाने और सभी हितधारकों के लिए आसानी से सूचना उपलब्ध कराने के लिए खेलों में ई-गवर्नेंस व डिजिटलीकरण करने के लिए अनेक परियोजनाएं शुरू की हैं। इस संबंध में मंत्रालय में कई सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें राष्ट्रीय खेल रिपॉजटरी प्रणाली, खेलो इंडिया मोबाइल एप्लीकेशन, खेलो इंडिया फिटनेस एप्लीकेशन, प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं का वार्षिक कलेंडर (एसीटीसी) पोर्टल और फिट इंडिया मोबाइस एप्लीकेशन व वेबसाइट/पोर्टल शामिल हैं।
यह जानकारी युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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