कृषि और पर्यटन उद्योग में रोजगार सृजन करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं- श्री तोमर

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के कृषि क्षेत्र में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री तोमर ने कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास करेगी

 


केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार उत्तर पूर्वी क्षेत्र के किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि शून्य बजट प्राकृतिक खेती के माध्यम से खरीदे गए आदानों पर किसानों की निर्भरता को कम करने वाले प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा किया जाना चाहिए। यह पारंपरिक क्षेत्र आधारित प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता करके हुए कृषि की लागत में कमी लाता है और इससे प्राकृतिक खेती के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य में सुधार भी होता है।

केंद्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि कृषि मंत्रालय, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए कृषि मंत्रालय की योजनाओं को संतृप्त किया जा सके।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के कृषि क्षेत्र में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए 6 जनवरी, 2022 को एक बैठक का आयोजन किया गया।

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बैठक की सह-अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर),श्री जी किशन रेड्डी ने की। इस बैठक में डोनर राज्य मंत्री श्री बी एल वर्मा और सभी 8 उत्तर पूर्वी राज्यों के कृषि मंत्री शामिल हुए।

इस बैठक में डोनर सचिव,  कृषि सचिव,  उत्तर पूर्वी राज्यों के कृषि सचिवों के साथ-साथ दोनों मंत्रालयों और उनके संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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इस बैठक के दौरान कृषि मंत्रालयों द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए कृषि क्षेत्र में चलाए जा रहे प्रमुख पहलों/कार्यक्रमों के बारे में संक्षिप्त प्रस्तुतियां कृषि मंत्रालय और उत्तर पूर्वी के सभी 8 राज्यों के सचिवों द्वारा प्रदान किया गया। बैठक के दौरान चर्चा की गई प्रमुख योजनाओं/कार्यक्रमों का वर्णन निम्नलिखित है:

  • उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लिए मिशन कार्बनिक मूल्य श्रृंखला विकास (एमओवीसीडीएनईआर)
  • खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन – तेल पाम (एनएमईओ-ओपी)
  • उत्तर पूर्वी क्षेत्र में बांस
  • बागवानी के लिए एकीकृत विकास अभियान(एमआईडीएच)

उत्तर पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के कृषि मंत्रियों ने उन मुद्दों और चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया, जिनका वे सामना कर रहे हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर),श्री जी किशन रेड्डी ने वर्चुअल माध्यम से आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली से उत्तर पूर्वी में लागू कृषि क्षेत्र में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन और प्रगति की समीक्षा की।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में समृद्ध संसाधनों के साथ विविध जलवायु उपलब्ध है, जिसमें बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं और यह देश और दुनिया के लिए अपना योगदान दे सकती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत सरकार अपनी क्षमता के हिसाब से यह सुनिश्चित करने की दिशा में पूरा प्रयत्न कर रही है कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी हो सके।” उन्होंने कहा कि शून्य बजट प्राकृतिक खेती के माध्यम से खरीदे गए आदानों पर किसानों की निर्भरता को कम करने वाले प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा किया जाना चाहिए जो पारंपरिक क्षेत्र आधारित प्रौद्योगिकियों पर भरोसा करके कृषि की लागत में कमी लाता है जिससे प्राकृतिक खेती के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य में सुधार होता है। उन्होंने सिक्किम और अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों द्वारा जैविक खेती करने की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य और केंद्र के समन्वित प्रयासों से उत्तर पूर्वी क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है। बागवानी फसलों और औषधीय फसलों की सीमा बहुत विशाल है और इसके लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध हैं। मंत्री ने कहा कि कृषि मंत्रालय भारतीय उत्पादों के निर्यात के लिए वाणिज्य मंत्रालय के साथ समन्वय के साथ काम कर रहा है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र से उच्च योगदान के साथ देश के खाद्य आयात को कम किया जा सकता है। सरकार संचालन अवसंरचना की चुनौतियों को सुलझाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र के किसानों का बीमा कवरेज बढ़ाया जाए। इस क्षेत्र में तेल पाम उत्पादन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, जिसके लिए इस क्षेत्र के राज्यों को प्राथमिकता प्रदान की जाती है।

केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डोनर), पर्यटन और संस्कृति मंत्री,श्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यों को संबोधित करते हुए सुझाव दिया कि कृषि मंत्रालय, डोनर और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ एक “टास्क फोर्स” का गठन किया जाना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि मंत्रालय की योजनाएं उत्तर पूर्वी क्षेत्र में काम कर रही है और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अद्वितीय प्रकृति और बारीकियों को संबोधित करने के लिए योजनाओं को अनुकूलित किया जा सकता है। श्री तोमर ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए कृषि मंत्रालय के अधिकारियों को टास्क फोर्स का तत्काल गठन करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश जारी किया।

मंत्री ने कहा कि कृषि और पर्यटन उद्योगों में रोजगार का निर्माण करने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तर पूर्वी को जैविक खेती के हब के रूप में विकसित करने के वाले अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया है। इसके अलावा, इस क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में बागवानी के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। चाहे अनानास, संतरा, कीवी हो या हल्दी, अदरक, इलायची आदि मसाले हों, उत्तर पूर्वी राज्य बाजार में लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं और उन्हें अब वैश्विक स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी उत्पादों की मूल्य श्रृंखला को मजबूती प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एफपीओ, एसएचजी और निजी क्षेत्र को शामिल करके फसल कटाई के बाद के प्रबंधन में भी सुधार की आवश्यकता है। यह हमारे किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय, संबंधित मंत्रालयों और सभी उत्तर पूर्वी राज्यों के बीच ज्यादा से ज्यादा समन्वय की स्थापना होनी चाहिए।

उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम लिमिटेड (एनईडीएफआई), ट्राइफेड जैसे संगठनों के अधिकारियों ने कहा कि जनजातीय उपज और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) ने भी उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अपने संबंधित संगठनों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रस्तुतीकरण प्रदान किया। इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे और उन्होंने उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए उपलब्ध विभिन्न योजनाओं पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया।

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