मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा आपूर्ति पक्ष से संबंधित कई उपाय किए गए हैं
सरकार द्वारा नियमित आधार पर प्रमुख आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की स्थिति पर निगरानी रखी जाती है और समय-समय पर सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा आपूर्ति पक्ष से संबंधित कई उपाय किए गए हैं। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी ने यह बात आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
अधिक जानकारी देते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 21 मई, 2022 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर रुपये की कटौती की। इसके अलावा, दालों पर आयात शुल्क एवं उपकर में कमी करने, खाद्य तेलों एवं तिलहनों के टैरिफ को युक्तिसंगत बनाने तथा उनकी स्टॉक सीमा लागू करने, प्याज एवं दालों के लिए बफर स्टॉक का रखरखाव, सोया मील को 30 जून 2022 तक आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की अनुसूची में शामिल करने और सोया मील पर 30 जून 2022 तक स्टॉक सीमा को लागू करने जैसे कदम उठाए गए हैं।
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी और महामारी से प्रेरित आपूर्ति एवं मांग के बीच आए असंतुलन के कारण भारत सहित दुनिया भर में मुद्रास्फीति दरों में वृद्धि हुई है। रूस-यूक्रेन संघर्ष ने कच्चे तेल, गैस एवं धातुओं में मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा दिया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा गर्मी के मौसम में लू की थपेड़ों से फसल को नुकसान हुआ है और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई है।
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