गोदरेज एग्रोवेट की रूचि सोया के अधिग्रहण में दिलचस्पी

मुंबई, 09 अप्रेल 2018-विविधता से भरपूर कृषि व्यवसायी कम्पनी गोदरेज एग्रोवेट (जीएवीएल) ने रूचि सोया के अधिग्रहण के लिए अपनी इच्छा दर्शाई है। उल्लेखनीय है कि रूचि सोया दिवालियेपन (बैंकरप्ट्सी) समाधान की प्रक्रिया से गुजर रहा है।

जीएवीएल उन 24 से भी अधिक कंपनियों में से एक है जिन्होंने रूचि सोया के अधिसंख्य शेयर्स के अधिग्रहण के लिए बोली लगाई है। सूत्रों के मुताबिक इन कंपनियों में पतंजलि आयुर्वेद, आईटीसी, इमामी तथा अडानी विल्मर जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

अधिग्रहण के मामले में इस गतिविधि के बारे में पुष्टि करते हुए, जीएवीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री बलराम यादव ने कहा-‘हमने पहला कदम उठाते हुए रूचि सोया के अधिग्रहण के लिए अपना दावा प्रस्तुत कर दिया है। अभी हमें लम्बा रास्ता तय करना है।’

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जीएवीएल रूचि सोया के सम्पूर्ण व्यवसाय के अधिग्रहण में दिलचस्पी रख सकता है। लेकिन इसकी खास दिलचस्पी रूचि सोया के पाम प्लांटेशन व्यवसाय में है, जो की जीएवीएल के व्यवसाय के साथ समानता रखता है तथा भविष्य और अतीत के एकीकरण की दिशा में भी काम करता है। 

एक सूत्र के अनुसार-‘हमारा कर्जा कुल शेयरों का केवल 0.15 प्रतिशत है और हम वित्तीय संस्थानों से फंड्स प्राप्त करने लायक सुविधापूर्ण स्थिति में हैं। लेकिन हमें इस अधिग्रहण के संबंध में अधिक बड़ी बोली को ध्यान में रखते हुए अन्य रास्तों की ओर भी देखना होगा।’

रूचि सोया ने अतीत के एकीकरण की रणनीति का पालन करते हुए पाम व्यवसाय में बड़े पैमाने पर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (कृषि) के जरिये पदार्पण किया था। कम्पनी ने तमिल नाडू, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, ओडीसा,छत्तीसगढ़, गुजरात, अरुणाचलप्रदेश तथा मिज़ोरम में ऑइल पाम के बागानों का अधिग्रहण तथा विकास किया। इन नौ प्रदेशों में पाम के बगीचे संभावना से भरपूर करीब 200,000 हेक्टेयर का क्षेत्र कवर करते हैं।3.72 मिलियन टन प्रतिवर्ष की वार्षिक क्षमता के साथ रूचि सोया, बीजों से तेल निकालने वाली भारत की सबसे बड़ी कम्पनी है। दिसंबर 31, 2017 तक कम्पनी का कर्जा 120 बिलियन हो चुका है। इसके खाद्य तेल तथा अन्य एफएमसीजी ब्रांड्स में सनरिच, महाकोश, न्यूट्रेला, रूचि स्टार तथा रूचि गोल्ड शामिल हैं।

भारत में जीएवीएल पाम ऑइल प्लांटेशन के मामले में 35 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ मार्केट लीडर है। कम्पनी के पास पाम की खेती के अंतर्गत करीब 61,700 हेक्टेयर का क्षेत्र तथा क्रूड पाम ऑइल (सीपीओ), पाम कर्नल और केक जैसे ब्रांड की श्रृंखला है।

 
इसी बीच नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी), मुंबई ने पिछले वर्ष दिसंबर में कम्पनी के ऋणदाताओं डीबीएस बैंक एवं स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक द्वारा लगाई गई याचिकाओं के आधार पर रूचि सोया की दिवालियेपन (बैंकरप्ट्सी) समाधान की प्रक्रिया को दाखिल कर लिया है।

गौरतलब है कि संरक्षक परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियां रूचि सोया में 54.85 प्रतिशत के शेयरों की हिस्सेदारी रखती हैं। इसमें से सोयम मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी 13.66 प्रतिशत यानी सबसे अधिक है। कम्पनी के चीफ एक्सिक्यूटिव ऑफिसर दिनेश सहारा, निजी तौर पर 0.63 प्रतिशत का स्वामित्व रखते हैं और इसके साथ ही वे दो भिन्न ट्रस्ट के जरिये कम्पनी में 9.74 प्रतिशत का स्वामित्व रखते हैं।

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