नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों ने एक बार फिर से नए साल पर मजबूत शुरुआत की है। यह सिलसिला साल 2014 से जारी है। साल 2015 के मध्य में सरकार विरोधी रैलियों और ओपेक एवं रूस के कारण तेल उत्पादन में कटौती के फैसले के कारण इरान में तेल की कीमतें तेजी से बढ़ी थीं। साल 2014 से ही यह सिलसिला जारी है कि क्रूड के दोनों बेंचमार्क इंडेक्स ने नए साल पर 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर के स्तर के साथ शुरूआत की है।
मंगलवार को ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड का हाल: मंगलवार के कारोबार में दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.03 फीसद की तेजी के साथ 60.44 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर और ब्रेंड क्रूड (-)0.03 फीसद की गिरावट के साथ 66.85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार करता देखा गया।
सोमवार को ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड का हाल: यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड का फ्यूचर सोमवार को 0423 GMT पर 60.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता देखा गया, जो कि 19 सेंट या फिर 0.3 फीसद की तेजी थी। इसके पहले इसे दिन की शुरुआत में 60.73 डॉलर पर कारोबार करता देखा गया था। यह स्तर जून 2015 के बाद का उच्चतम स्तर था। वहीं ब्रेंट क्रूड फ्यूचर जो कि इंटरनेशनल बेंचमार्क माना जाता है दिन के कारोबार में 25 सेंट या 0.4 फीसद के उछाल के साथ 67.12 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता देखा गया। इससे पहले यह दिन में 67.27 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छू चुका था जो कि मई 2015 के बाद का उच्चतम स्तर रहा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि क्रूड ऑयल में अभी और इजाफा देखने को मिल सकता है। उन्होंने बताया कि एक से दो महीनों के आस-पास डब्ल्यूटीआई (WTI) क्रूड 64 डॉलर के पार कर सकता है जो कि मौजूदा समय में 60.44 डॉलर के स्तर पर है और ब्रेंट क्रूड 70 डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है जो कि मौजूदा समय में 66.85 के स्तर पर है। केडिया ने कहा कि हालांकि क्रूड के दामों में आए इस उछाल से रुपए में और तेजी देखने को नहीं मिलेगी।
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