Gensol घोटाला: निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का सिलसिला, जब बड़ी कंपनियों ने ज़ीरो कर दिया लोगों का पैसा

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 अप्रैल।
गुजरात की सौर ऊर्जा कंपनी Gensol Engineering इन दिनों भारी विवादों में है। आरोप है कि कंपनी के प्रमोटर्स ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है, जिससे बाजार में शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई और निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब किसी कंपनी ने अपने लाभ के लिए आम निवेशकों को नुकसान पहुँचाया हो।

Gensol का मामला एक बार फिर भारत के कॉरपोरेट इतिहास की उन घटनाओं की याद दिलाता है, जहाँ बड़ी-बड़ी कंपनियों ने निवेशकों के भरोसे को तोड़ा और करोड़ों का निवेश पानी में मिल गया। आइए नज़र डालते हैं उन पांच चर्चित मामलों पर, जिनमें शेयरधारकों का पैसा पूरी तरह डूब गया।

इसे भारत का ‘Enron घोटाला’ कहा गया। कंपनी के चेयरमैन बी. रामालिंगा राजू ने 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की हेरा-फेरी की। झूठे अकाउंट्स, फर्जी प्रॉफिट और नकली बहीखातों से निवेशकों को लंबे समय तक गुमराह किया गया। एक समय पर जिस कंपनी को आईटी सेक्टर का चमकता सितारा माना जाता था, वह देखते ही देखते ढह गई।

मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर का IPO भारत के इतिहास का सबसे चर्चित पब्लिक इश्यू था। लेकिन जैसे ही शेयर बाजार में लिस्टिंग हुई, निवेशकों को जबरदस्त झटका लगा। 450 रुपये पर आया IPO गिरकर कुछ ही महीनों में 100 रुपये से नीचे आ गया। लाखों छोटे निवेशकों का पैसा डूब गया।

विजय माल्या की यह एयरलाइन कभी लग्जरी की मिसाल मानी जाती थी। लेकिन कंपनी भारी कर्ज़ के नीचे दब गई। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला, और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। माल्या पर कई बैंकों का हजारों करोड़ का कर्ज़ बकाया रह गया, और वह देश छोड़कर भाग गए।

कभी भारत की अग्रणी पवन ऊर्जा कंपनी रही Suzlon ने भी निवेशकों को बुरी तरह निराश किया। कंपनी की बैलेंस शीट पर बढ़ते कर्ज़, प्रोजेक्ट्स की विफलता और प्रबंधन की गलतियों ने इसे गिरते शेयर की श्रेणी में ला दिया। शेयर एक समय 400 रुपये से ऊपर थे, जो कुछ सालों में 5 रुपये तक गिर गए।

रियल एस्टेट सेक्टर की इस बड़ी कंपनी ने भी निवेशकों को खूब आकर्षित किया, लेकिन 2G स्पेक्ट्रम घोटाले में नाम आने के बाद इसकी साख पर बड़ा धब्बा लग गया। प्रोजेक्ट्स अधूरे रह गए, निवेशकों का पैसा फंस गया और शेयर ने रसातल का रास्ता पकड़ लिया।

Gensol के खिलाफ लगाए गए आरोप बताते हैं कि भारत के कॉरपोरेट गवर्नेंस में पारदर्शिता अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यदि शुरुआती चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया, तो Gensol भी उपरोक्त कंपनियों की तरह निवेशकों के लिए एक दुखद कहानी बन सकती है।

शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ आता है, लेकिन जब धोखाधड़ी और प्रबंधन की लापरवाही जैसे कारक शामिल हो जाते हैं, तो आम निवेशक सबसे ज्यादा पीड़ित होता है। इसलिए हर निवेशक को सतर्क रहना चाहिए, कंपनी की बैलेंस शीट और प्रबंधन की पारदर्शिता पर ध्यान देना चाहिए — वरना एक गलत चुनाव, वर्षों की कमाई को पल में ज़ीरो कर सकता है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

Comments are closed.