चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर नकारात्मक या शून्य के करीब रहेगी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
न्यूज़ डेस्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में अब सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर नकारात्मक या शून्य के करीब रहेगी।
सेरा वीक के भारत ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की जबरदस्त गिरावट आई है, लेकिन त्योहारी सीजन के दौरान मांग में सुधार देखने को मिल रहा है। इस दौरान, वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचा, वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) और रोजगार देने वाले और संपत्ति सृजन वाले सभी उद्योग सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं।
सीतारमण ने कहा कि हालिया आंकड़ें अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार का संकेत देते हैं। पीएमआई का आंकड़ा वर्ष 2012 से सबसे ऊंचा रहा है। इससे संकेत मिलता है कि स्थिति सुधर रही है। यह सुधार सतत और टिकाऊ होगा। यदि यह सतत सुधार तीसरी और चौथी तिमाही में होता है, तो हमारा अनुमान है कि जीडीपी की कुल वृद्धि दर नकारात्मक या शून्य के करीब होगी। उन्होंने कहा कि भारत अगले साल फिर से सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से 25 मार्च से सख्त लॉकडाउन लगाया था क्योंकि लोगों के जीवन को बचाना ज्यादा जरूरी था। लॉकडाउन की वजह से ही हम महामारी से निपटने के लिए तैयारियां कर सके।
वृहद आर्थिक संकेतकों में सुधार दिखाई
सीतारमण ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को खोले जाने के साथ वृहद आर्थिक संकेतकों में सुधार दिखाई दे रहा है। इन संकेतकों से पता चलता है कि प्राथमिक क्षेत्र, कृषि से जुड़े क्षेत्र और ग्रामीण भारत सभी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टिकाऊ सामान, कृषि उपकरणों, ट्रैक्टरों और वाहनों सबकी मांग बढ़ रही है। भारत में त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है, ऐसे में मुझे उम्मीद है कि मांग और बढ़ेगी और यह टिकाऊ रहेगी।
प्रमुख आर्थिक संकेतकों में माह-दर-माह और साल-दर-साल आधार पर सुधार दिख रहा है। सितंबर में विनिर्माण पीएआई 56.8 पर पहुंच गया है, जो इसका साढ़े आठ साल का उच्चस्तर है। सेवा पीएमआई 50 के स्तर से थोड़ा नीचे है, लेकिन यह अप्रैल से लगातार बढ़ रहा है। अक्तूबर में बिजली की मांग सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत बढ़ी है। सितंबर में यह 4.6 प्रतिशत बढ़ी थी। छह माह तक लगातार गिरावट के बाद सितंबर में निर्यात में भी सालाना आधार पर 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आरबीआई ने 9.5 फीसद गिरावट का अनुमान लगाया
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अर्थव्यवस्था में 10.3 प्रतिशत और विश्वबैंक ने 9.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
विदेशी निवेश को आकर्षित करने की नीति जारी
सीतारमण ने कहा कि भारत कराधान की निचली दरों तथा कारोबार सुगमता के जरिये विदेशी निवेश को आकर्षित करने की नीति को जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल-अगस्त के दौरान देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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