न्यूज़ डेस्क : कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वहीं, बुनियादी क्षेत्रों के आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन इस बार अक्तूबर महीने में एक साल पहले की तुलना में 2.5 फीसदी घट गया।
अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी। दरअसल, पहली तिमाही के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में देश में पूरी तरह से लॉकडाउन था।
जीडीपी में गिरावट अच्छा संकेत नहीं
मई के अंत में जाकर गतिविधियां और आवागमन शुरू हुआ था। जबकि दूसरी तिमाही में पूरी अर्थव्यवस्था खुल गई है। ऐसे में जीडीपी में गिरावट अच्छा संकेत नहीं है। बता दें कि तकनीकी तौर पर देश आर्थिक मंदी में फंस चुका है, क्योंकि सितंबर तिमाही में लगातार दूसरी बार जीडीपी में गिरावट आई है। उल्लेखनीय है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल-जून तिमाही में इसमें 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
वर्तमान आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी के प्रभाव को दर्शाती है- मुख्य आर्थिक सलाहकार
जीडीपी में गिरवाट को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन ने कहा कि वर्तमान आर्थिक स्थिति कोरोना महामारी के प्रभाव को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीद है। यह कुछ ऐसा है, जिसे बारीकी से ट्रैक किया जाना है।
अक्तूबर 2020 तक भारत सरकार को 7,08,300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए
वहीं, वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अक्तूबर 2020 तक भारत सरकार को 7,08,300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इनमें 5,75,697 करोड़ रुपये कर राजस्व, गैर कर राजस्व 1,16,206 करोड़ रुपये और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों में ऋणों की वसूली (16,397 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 2.5 फीसदी गिरा
बुनियादी क्षेत्रों के आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन इस बार अक्तूबर महीने में एक साल पहले की तुलना में 2.5 प्रतिशत घट गया। यह लगातार आठवां महीना है, जब इन क्षेत्रों का उत्पादन कम हुआ हो। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण खनिज तेल, गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात उद्योग के उत्पादन में कमी आना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्तूबर 2019 में इन आठ क्षेत्रों के उत्पादन में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आलोच्य माह के दौरान कोयला, उर्वरक, सीमेंट और बिजली क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गयी। हालांकि कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और इस्पात में गिरावट रही। इस साल अप्रैल से अक्तूबर के दौरान इन क्षेत्रों के उत्पादन में 13 प्रतिशत की गिरावट आई है। साल भर पहले की समान अवधि में इनके उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
अनुमान से बेहतर रहा परिणाम- सीईए
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यन ने कहा है कि अनुमान से बेहतर परिणाम रहा है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2020 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में उछाल थी, लेकिन कोरोना महामारी ने इस पर पानी फेर दिया। लॉकडाउन के कारण पहली तिमाही का परिणाम असंतोषजनक रहा। बता दें कि रेटिंग एजेंसियों ने दूसरी तिमाही में जीडीपी में 10 से 11 फीसदी तक गिरावट का अनुमान लगाया था। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 8.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। मूडीज ने 10.6 फीसदी, केयर रेटिंग ने 9.9 फीसदी, क्रिसिल ने 12 फीसदी, इक्रा ने 9.5 फीसदी और एसबीआई रिसर्च ने 10.7 फीसदी गिरावट का अनुमान जताया था।
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