देश में पहली बार, भारत के शिक्षा क्षेत्र (अकादमिक) उपयोगकर्ताओं को किसी एक दृश्य (विजुअल) प्रोग्रामिंग भाषा के लिए एक सिस्टम-डिज़ाइन प्लेटफ़ॉर्म और विकास वातावरण – प्रयोगशाला आभासी उपकरण अभियांत्रिकी कार्यस्थल (लैबोरेट्री वर्चुअल इंस्ट्रूमेंट इंजीनियरिंग वर्कबेंच –एलएबीवीईईडब्ल्यू) सॉफ्टवेयर सूट तक निशुल्क पहुंच प्राप्त होगी। भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सुविधाओं का मानचित्र (आई-एसटीईएम), अनुसंधान उपकरण/ सुविधाओं को साझा करने के लिए राष्ट्रीय वेब पोर्टल, और नेशनल इंस्ट्रूमेंट्स इंक, जिसका मुख्यालय ऑस्टिन, टीएक्स, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में है, ने इस निशुल्क पहुंच को सक्षम बनाने के लिए एक सहयोगी प्लेटफ़ॉर्म व्यवस्था का प्रबंध किया है। आई-एसटीईएम (www.istem.gov.in) भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलुरु के वैज्ञानिकों द्वारा पीएम – एसटीआईएसी मिशन के तहत भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा समर्थित एक पहल है।
कल सोमवार 18 जुलाई, 2022 को एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान लैबव्यू (एलएबीवीईईडब्ल्यू) का शुभारंभ करते हुए माननीय मुख्य अतिथि भारत सरकार के सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. ए. के. सूद ने कहा कि देश में शिक्षाविदों और डीप-टेक स्टार्ट-अप के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म की उपलब्धता से सहयोगी अनुसंधान और बढ़ते नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रो. सूद ने टिप्पणी की “इस तरह के मंच के लाभ और अधिक होंगे यदि उपयोगकर्ता ऐसे विशेषज्ञों तक पहुंच सकें जो उन्हें अपने प्रयोगों के परिणामों को समझने और उनकी व्याख्या करने में सहायक बन सकें।” उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उपयोगकर्ता सरकार द्वारा आई-एसटीईएम में किए गए सार्वजनिक निवेश को विधिवत स्वीकार करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बारे में स्वीकारोक्ति किसी लेखन कर्म के रूप में किसी रिपोर्ट/प्रकाशन में नहीं होनी चाहिए।
एलएबीवीईईडब्ल्यू एक ऐसे ग्राफिक इंटरफ़ेस का उपयोग करता है जो आवश्यक गति (प्रवाह) प्रदान करने के लिए विभिन्न घटकों को एक साथ जोड़ने में सक्षम बनाता है और उसे विंडोज़, ओएस एक्स (ऐप्पल), और लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है, तथा जो इसे अधिकांश प्रचलित कंप्यूटिंग सिस्टम के लिए उपयुक्त बनाता है।
इस सॉफ्टवेयर सूट को भारत में कहीं से भी उपयोगकर्ता के अनुकूल पहुंच प्रदान करने के लिए आई-एसटीईएम द्वारा स्थापित क्लाउड सर्वर पर होस्ट किया गया है। इस व्यवस्था से देश के विशेष रूप से अधिक दूरस्थ और कम-संपन्न संस्थानों में कई छात्रों और शोधकर्ताओं को सहायता मिलने की उम्मीद है जिससे उनके सीखने के परिणामों में वृद्धि होगी और पूरे भारत में अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। आई-एसटीईएम पहले से ही शिक्षाविदों को किसी शुल्क के सीओएमएसओएल मल्टीफिजिक्स और मैथवर्क्स/एमएटीएलएबी प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्रदान करता है।
जैसा कि राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. संजीव कुमार श्रीवास्तव द्वारा लॉन्च के दौरान प्रस्तुति दी गई थी, इस आई-एसटीईएम प्लेटफॉर्म का लक्ष्य शोधकर्ताओं को संसाधनों से जोड़कर अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है। आंशिक रूप से यह मंच स्वदेशी प्रारूप में प्रौद्योगिकियों और वैज्ञानिक उपकरणों के विकास को बढ़ावा देने के साथ ही शोधकर्ताओं को आवश्यक आपूर्ति और सहायता प्रदान करके, उन्हें आई-एसटीईएम वेब पोर्टल के माध्यम से मौजूदा अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। यह पोर्टल पूरे भारत में सुविधाओं के डेटाबेस को होस्ट करता है ताकि उनमें से किसी का उपयोग करने के इच्छुक शोधकर्ता इसे ढूँढ सकें एवं इसका उपयोग करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करा सकें। वर्तमान में यह पोर्टल देश भर के 1520 संस्थानों के 22,900 से अधिक उपकरणों को सूचीबद्ध करता है और 16,000 से अधिक भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा इसका उपयोग किया गया है। इस पोर्टल में स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का एक डिजिटल कैटलॉग भी दिया गया है। आई – एसटीईएम देश भर में अनुसंधान एवं विकास सहयोग और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए विभिन्न शहरी ज्ञान एवं नवोन्मेष संकुलों (सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन क्लस्टर्स) के लिए भी प्लेटफॉर्म होस्ट करता है।
प्लेटफ़ॉर्म के शुभारम्भ के बाद नेशनल इंस्ट्रूमेंट्स (एनआई) के विशेषज्ञों द्वारा लैबव्यू (एलएबीवीईईडब्ल्यू) पर दो तकनीकी प्रस्तुतियां दी गईंI इसके बाद उन्होंने एनआई ऑनलाइन वीडियो और अन्य निर्देशात्मक सामग्री के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाने वाली सहायता के बारे में चर्चा की और लैबव्यू के आई-एसटीईएम उपयोगकर्ताओं के लिए विस्तृत प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की पेशकश भी की। इस लॉन्च कार्यक्रम में देश भर से प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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