भोपाल। जिला अदालत ने कांग्रेस नेता कल्पना परूलेकर को फोटो टेंपरिंग कर तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर का चेहरा संघ सर संचालक मोहन भागवत के चेहरे पर लगाने के मामले में दो साल कैद और 12 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि अपर-सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार गोयल ने परूलेकर को सजा का फैसला सुनाने के बाद उन्हें हाईकोर्ट में अपील अवधि तक सक्षम जमानत पर छोड़ दिया है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि परूलेकर की हैसियत लोकतांत्रिक संवैधानिक संस्था के सदस्य की है। लेकिन, उनकी ख्याती के अनुरूप उच्च आचरण मूल्यों के अनुसार आचरण दर्शित नहीं होता। ऐसे आचरण की किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि से कतई अपेक्षा नहीं की जा सकती है। इससे जन सामान्य में गलत संदेश जाता है।
संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों को बिना किसी आधार के चरित्र हनन करने से मर्यादा को लांछन लगाने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन मिलता है। किसी भी राजनैतिक दल के सदस्य को इस बात की इजाजत नहीं दी जाना चाहिए कि वह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के नाम पर ऐसा असंवैधानिक काम करे। परूलेकर ने सोच समझकर, योजनाबद्ध तरीके से जानबूझकर ऐसा काम किया है, इसलिए दण्ड दिया जाना आवश्यक है, ताकि मात्र निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के कारण कोई भी राजनैतिक व्यक्ति इस प्रकार का आपराधिक कृत्य करने से दूर रहे।
महीदपुर, उज्जैन से निर्वाचित तत्कालीन कांग्रेस विधायक कल्पना परूलेकर ने 29 नवंबर 2011 को विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकारवार्ता में तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर पर संघ से नाता होने के आरोप लगाए थे।
News Source: jagran.com
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