चेन्नैई । ब्राजीली टीम के लिए बॉल कैरियर बनने के बारे में मैंने कभी सपनों में भी नहीं सोचा था। वह अद्भुत रहा…या यूं कह लूं कि उस पल को बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। नेमार की टीम के लिए बॉल लेकर जाना अनदेखा सपना सच होने जैसा है। खासतौर पर मैं उस उस पल को नहीं भूल सकती, जब मैंने नेमार से हाथ मिलया। यह बात तमिलनाडु की 11 वर्षीय नतानिया ने कही।
बुधवार को नतानिया जॉन ने फीफा वर्ल्ड कप-2018 में कोस्टा रिका के खिलाफ मुकाबले में स्टार फुटबॉलर नेमार की टीम ब्राजील के लिए आधिकारिक तौर पर बॉल कैरियर का काम किया था।
इसके पूर्व फीफा वर्ल्ड कप-2002 में तमिलनाडु के रेफरी के शंकर ने हिस्सा लिया था और वह भारत के लिए पहला मौका था जब किसी भारतीय ने फुटबॉल के महाकुंभ में अपनी भूमिका निभाई। 2018 फीफा वर्ल्ड कप में 16 वर्ष बाद एक बार फिर एक भारतीय के हिस्सा लेने का मौका आया।
नतानिया ने कहा,भारी भीड़ के बीच अपने देश का प्रतिनिधित्व करना वाकई शानदार अनुभव रहा। मैं उस वक्त इतनी नर्वस थी कि लग रहा था बॉल हाथ से छूट जाएगी,लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने कहा दरअसल,वहां हमें खिलाड़ियों से बात करने की छूट नहीं थी। अगर ऐसा होता तो वहां हंगामा खड़ा हो जाता, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे और सभी अपने-अपने हीरो से बात करने को उत्सुक थे।
ब्राजीली खिलाड़ियों से मिलने के बारे में कहा,मैं लकी रही। जैसे-जैसे खिलाड़ी आते गए मैं उन सभी से हाथ मिलाते गई। मैंने थियागो सिल्वा, नेमार, मार्सेलो, फिलिप्पि कॉन्टिन्हो और केलॉर सहित सभी खिलाड़ियों से हाथ मिलाया। वह पल मेरे लिए कभी नहीं भूला पाने वाला है।
नतानिया ने बताया,ब्राजीली फैंस में गजब की ऊर्जा है। वह मैच शुरू होने से पहले ही गा रहे थे और नाच रहे थे। सच में वह गजब का माहौल था। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है। सच कहूं तो बॉल कैरियर के रूप में टीम का हिस्सा होना खास अनुभव रहा। उन्होंने बताया कि 23 जून को संरक्षक और ड्राइवर ने उन्हें कई जगहों पर घुमाया। रूस की मशहूर ग्रार्डन पीटरहॉफ पैलेस भी लेकर गए। जहां उन्होंने गार्डन में फुटबॉल खेला और फॉउंटेन का लुत्फ उठाया। उन्होंने बताया कि वह ग्रैंड मार्केट रॉसिया म्यूजियम भी गई थी।
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