वाराणसी । कैंट रेलवे स्टेशन के पास हुए हादसे के बाद पीडि़तों की मदद में हर तरफ से हाथ उठ रहे हैं। कोई ब्लड डोनेशन के लिए तैयार बैठा है तो कोई उपचार में हरसंभव मदद के लिए तैयार है। हादसे में घायलों के उपचार के लिए लोग भी आगे आ रहे हैं। हालांकि इसके बीच महामना की बगिया बीएचयू में बुधवार को मानवता शर्मसार हो गई। हादसे में मारे गए लोगों के शव को देखकर हर कोई सम्मान में सिर झुका रहा था। इसके उलट बीएचयू पोस्टमार्टम हाउस में एक सफाई कर्मचारी ‘लाश पर वसूली से नहीं चूका। पीडि़त परिवारीजन से पोस्टमार्टम के बाद सिलकर शव देने के लिए सुविधा शुल्क लेने का मामला डीएम के संज्ञान में आया तो वे तत्काल एक्शन मोड में आ गए। उनके आदेश पर आरोपी सफाई कर्मचारी के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं बीएचयू प्रशासन ने बिना देरी किए तत्काल प्रभाव से उसे निलंबित कर दिया।
दरअसल, बीएचयू मोर्चुरी में तैनात सफाई कर्मचारी बनारसी ने चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर हादसे में मृत दो लोगों के परिवारीजन से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के लिए सुविधा शुल्क के रूप में 200 रुपये मांगे। पीडि़तों ने तत्काल इसकी शिकायत मौके पर मौजूद डीएम योगेश्वर राम मिश्र से की। वहीं सुविधा शुल्क मांगे जाने का वीडियो भी तेजी से वायरल होने लगा। इसकी जांच में बनारसी को दोषी पाया गया। डीएम ने बीएचयू प्रशासन से बनारसी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की संस्तुति करते हुए लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएचयू प्रशासन ने रिश्वत मांगने के आरोपी सफाई कर्मी बनारसी को तत्काल निलंबित कर दिया। उधर, लंका पुलिस ने भी मुकदमा कायम कर आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
रिश्वत की मंझधार में कर्मचारी
पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत कर्मचारी हों या फिर शहर की नालियों में सफाई के लिए उतरने वाले कर्मचारी, बिना सुविधा शुल्क लिए वे कार्य नहीं करते। सोचिए, जब आम इंसान थोड़ी सी दुर्गंध या फिर क्षत-विक्षत शव देखने के बाद भोजन का एक निवाला नहीं ले पाता, ये कर्मचारी दिन-रात इसी काम में जुटे रहते हैं। यकीनन ऐसे काम के लिए कलेजे को पत्थर को बनाना पड़ता है। अक्सर कर्मी ऐसे कार्यों को करने से पहले शराब के नशे में धुत होते हैं। हालांकि पोस्टमार्टम हाउस में तैनात कर्मचारियों की प्रतिदिन इतनी कमाई हो जाती है कि कुछ मामलों में उन्हें सुविधा शुल्क की जरूरत न पड़े। कैंट हादसे में मारे गए लोगों के शवों की पोस्टमार्टम प्रक्रिया में शामिल सफाई कर्मचारी को थोड़ी संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी, जो उसने नहीं दिखाई।
वराणसी के कैंट एरिया में कल शाम को निर्माणाधीन फ्लाईओवर की दो बीम हिस्सा गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हैं।हादसे के बाद वाराणसी में शोक की लहर दौड़ गई। हादसे में घायलों की मदद के लिए हर कोई सामने आ रहा है।
यहां तक की लोग लाइन में लगकर खून देने के लिए तैयार है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी जो इंसानियत को शर्मसार करने में भी आगे नजर आ रहे हैं।
यहां पर मारे गए लोगों की पहचान और उन तक पहुंचाने के लिए मोटी रकम की मांग की जा रही हैं। बीएचयू में पोस्टमार्टम हाउस में मृतकों के परिजन से पैसे की मांग की गई।
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