वाराणसी हादसे में सेतु निगम अफसरों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा

वाराणसी ।कैंट फ्लाईओवर हादसे में बनारस जिला प्रशासन ने सेतु निगम की गाजीपुर यूनिट के अफसरों और कर्मचारियों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया है। यही यूनिट पुल बना रही है। जांच बढऩे के साथ ही अफसर व कर्मी मुकदमे में नामजद किए जाएंगे। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति तड़के घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।
ïमंगलवार की शाम कैंट फ्लाईओवर की दो बीम गिरने से कई वाहन दब गए थे। हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 गंभीर रूप से घायल हुए थे। बुधवार भोर में तीन सदस्यीय कमेटी ने घटना स्थल का दौरा किया और जांच के लिए बीम के नमूने लिए। इन नमूनों को जांच के लिए आइआइटी रुड़की को भेज दिया गया है। कमेटी के सदस्यों ने उप्र राज्य सेतु निगम के अफसरों को तलब कर सर्किट हाऊस में पूछताछ की। निलंबित चार अधिकारियों को भी बुलाया गया था। निलंबित होने वालों में मुख्य परियोजना प्रबंधक एचसी तिवारी, परियोजना प्रबंधक केआर सूदन, एई राजेश कुमार व जेई लालचंद शामिल हैं। जांच कमेटी को अपनी रिपोर्ट घटना के 48 घंटे के भीतर सीएम को सौंपनी है।

-मुख्यमंत्री द्वारा गठित जांच टीम ने लिए नमूने
-निर्माण में बरती जा रही है घोर लापरवाही, एक-दूसरे को दोषी ठहराने की कोशिश
-जिला मजिस्ट्रेट ने भी गठित की जांच टीम, पोस्टमार्टम में रुपये लेने वाला गिरफ्तार
-मृतकों व घायलों के परिजनों में बांटा गया 75 लाख का मुआवजा

मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू
जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने भी हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। आदेश के बाद एडीएम वित्त एवं राजस्व मनोज राय ने जांच शुरू कर दी है। उन्हें जांच रिपोर्ट गुरुवार तक सौंपनी है

पोस्टमार्टम के लिए रुपये मांगने वाला सफाईकर्मी गिरफ्तार
शवों का पोस्टमार्टम बुधवार को बीएचयू में हुआ। इस दौरान सफाईकर्मी बनारसी द्वारा परिजनों से रुपये की मांग की गई। शिकायत पर डीएम सख्त हुए और मुकदमा दर्ज कराया जिसके बाद बनारसी को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर, बीएचयू ने सफाईकर्मी को निलंबित कर दिया।

कई पहलुओं पर जांच
फ्लाईओवर के दो बीम गिरे कैसे, इसे लेकर कई पहलुओं को लेकर जांच आगे बढ़ रही है। प्रथम दृष्टया पिलर पर रखे बीम की बेयरिंग के फिसलने की बात आ रही है, दूसरे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वेल्डिंग सिलेंडर फटने या एक बीम कमजोर होने के चलते बेयरिंग टूट गया।

राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी
फ्लाईओवर हादसे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने दोपहर को बनारस पहुंचकर घायलों का हाल जाना और राज्य व केंद्र सरकार पर निशाना साधा। बोले, कर्नाटक में एक विधायक पर 100 करोड़ खर्च करने वाली भाजपा मृतक परिजनों को महज पांच लाख मुआवजा दे रही है। कम से कम 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। उधर, बीएचयू और मंडलीय अस्पताल में लगातार जनप्रतिनिधियों, मंत्रियों और नेताओं का आना-जाना लगा रहा। देर शाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने भी बनारस पहुंचकर घायलों का हाल जाना। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर से बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीज के परिवारीजन ने बाहर से जांच कराने की शिकायत की।

सेतु निगम व यातायात महकमा आमने-सामने
फ्लाईओवर निर्माण के दौरान नीचे से लगातार यातायात कैसे जारी था, इसे लेकर बड़ा सवाल उठा है। यातायात महकमे का कहना है सेतु निगम ने तीन बार पत्र भेजा लेकिन रूट डायवर्जन की मांग नहीं की। उधर, सेतु निगम के निलंबित परियोजना प्रबंधक केआर सूदन का कहना है कि दो माह में पांच बार जिला प्रशासन को रूट डायवर्जन के लिए पत्र लिखा लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

मरने वाले जौनपुर, गाजीपुर, बिहार और अलीगढ़ के
1. रामचंद्र पुत्र नन्हें लाल 32 वर्ष, वंंदनपुर-खुटहन, जौनपुर
2. विद्या देवी पत्नी रघुनाथ 45 वर्ष, भरौड़ा-सरायख्वाजा, जौनपुर
3. सिकंदर पुत्र रधुनाथ 25 वर्ष, भरौड़ा-सरायख्वाजा, जौनपुर
4. रघुनाथ पुत्र रामस्वरूप 52 वर्ष, भरौड़ा-सरायख्वाजा, जौनपुर
5. रामचेत पुत्र रामदास 48 वर्ष, वंदनपुर-खुटहन, जौनपुर
6. राम बहादुर सिंह पुत्र पशुपति सिंह 46 वर्ष, टेसुआर-रसूलपुर, छपरा बिहार
7. कुमार वैभव पुत्र राम बहादुर, टेसुआर-रसूलपुर, छपरा बिहार
8. खुशिहाल राम पुत्र स्व. रामदेव 70 वर्ष, सहेड़ी-नंदगंज गाजीपुर
9. बीरेंद्र यादव पुत्र केदार यादव 37 वर्ष, मुड़वल-नंदगंज गाजीपुर
10 . संजय पुत्र खुशिहाल 37 वर्ष, सहेड़ी-नंदगंज गाजीपुर
11. भवानीशंकर शर्मा (एनडीआरफ जवान) पुत्र रामनारायण शर्मा , वाजिदपुर-अलीगढ़
12 . सुदर्शन राम पुत्र श्यामदेव राम रमदत्तपुर-कैंट वाराणसी
13 . राम मिलन चौहान पुत्र हरिनाथ चौहान (एनडीआरफ जवान) मऊ
14 . शिव बचन पुत्र खुशिहाल 48 वर्ष, सहेड़ी-नंदगंज गाजीपुर
15 . भैरोनाथ पुत्र श्यामराज, हटवा बाजार, रुदौली -बस्ती

पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी इसका निरीक्षण करने पहुंचे थे। डिप्टी सीएम ने काम की धीमी गति को देखते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश भी दिया था।

वाराणसी में 1710 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण 30 महीने में पूरा होना था, लेकिन आज तक इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। इस काम को अक्टूबर 2019 में पूरा होना है। फ्लाईओवर प्रोजेक्ट की लागत 77.41 करोड़ रुपए है, जिसके अंतर्गत 63 पिलर बनने हैं, लेकिन करीब तीन साल बाद भी फ्लाईओवर विस्तारीकरण के तहत 45 पिलर ही अभी तक तैयार हो सके हैं। प्रोजेक्ट समयावधि बढऩे के बाद सेतु निर्माण निगम के गाजीपुर इकाई इस पर काम कर रही थी।

कई बार प्रशासन को चेताया गया, गत 19 फरवरी को यूपी सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक के खिलाफ सिगरा थाने में लापरवाही बरतने के लिए एफआइआर दर्ज हो चुकी थी। काम में लापरवाही, अराजकतापूर्वक कार्य करने, ट्रैफिक वालंटियर्स की तैनाती नहीं करने का आरोप लगाया गया था। अगर उस समय ही अफसरों ने इसका संज्ञान लिया होता तो यह हादसा नहीं होता। फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर कई बार प्रशासन को भी चेताया गया था। बताया गया था कि इस पुल का निर्माण रूट डाइवर्ट करके कराई जाए वरना हादसा हो सकता है, लेकिन हर समय इस मार्ग पर आवाजाही के बावजूद फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान रूट डाइवर्ट नहीं किया गया। जानकारों की मानें तो जहां इस तरह का निर्माण होता है उस पूरे इलाके को सील कर दिया जाता है। निर्माण क्षेत्र से चार-चार फीट दाएं और बाएं बैरीकेडिंग की जाती है। लाल झंडे और लाइट लगाई जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. जब कल हादसा हुआ तो वहां भारी ट्रैफिक था।

यूपी सेतु निगम के निलंबित परियोजना अधिकारी केआर सूदन ने बताया कि निर्धारित अवधि में काम पूरा करने का दबाव है। वाहनों को डाइवर्ट करने के लिए कई बार जिला प्रशासन और यातायात पुलिस से कहा गया। यहां काफी संकरा रास्ता होने की वजह से वहां काम चुनौती भरा है। इस घटना का कारण अभी समझ में नहीं आ रहा है।

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