वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भारत के पहले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा को मंजूरी दी

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भारत के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है। इस मंजूरी से पेरिस समझौते के तहत अपनाए गए अपने एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और भी अधिक मजबूत होगी, और इसके साथ ही इससे पात्र हरित परियोजनाओं में वैश्विक एवं घरेलू निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। इस तरह के बॉन्ड जारी करने से प्राप्त धनराशि को सार्वजनिक क्षेत्र की उन परियोजनाओं में लगाया जाएगा जिनसे अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद मिलती है।

इस रूपरेखा को पंचामृत के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के नक्शेकदम पर मंजूरी दी गई है, जैसा कि नवंबर, 2021 में ग्लासगो में ‘कॉप26’ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्पष्ट किया गया था। यह मंजूरी मिलने के साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई यह घोषणा पूरी हो गई है कि हरित परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाएंगे।

ग्रीन बॉन्ड दरअसल ऐसे वित्तीय प्रपत्र हैं जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और जलवायु के अनुकूल परियोजनाओं में निवेश के लिए धनराशि सृजित करते हैं। पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ परियोजनाओं में ग्रीन बॉन्डों का झुकाव होने को देखते हुए नियमित बॉन्डों की तुलना में हरित बॉन्डों की पूंजी की लागत अपेक्षाकृत कम होती है और इसके मद्देनजर बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया से जुड़ी विश्वसनीयता एवं प्रतिबद्धता अत्‍यंत आवश्यक होती है।

उपर्युक्त संदर्भ में ही भारत के पहले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा तैयार की गई थी और इस रूपरेखा के प्रावधानों के अनुसार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का अनुमोदन करने के लिए हरित वित्त कार्यकारी समिति (जीएफडब्ल्यूसी) का गठन किया गया था।

इसके अलावा एक स्वतंत्र और विश्व स्तर पर प्रसिद्ध नॉर्वे स्थित सेकेंड पार्टी ओपिनियन (एसपीओ) प्रदाता सिसरो को भारत के ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा का आकलन करने और आईसीएमए के ग्रीन बॉन्ड सिद्धांतों एवं अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ इस रूपरेखा के संरेखण या अनुरूपता को प्रमाणित करने के लिए नियुक्त किया गया था। व्‍यापक विचार-विमर्श करने और गंभीरतापूर्वक गौर करने के बाद सिसरो ने भारत के ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा को ‘गुड’ गवर्नेंस स्कोर के साथ ‘मीडियम ग्रीन’ की रेटिंग दी है।

इस रिपोर्ट को निम्नलिखित लिंक से डाउनलोड किया जा सकता है:

https://dea.gov.in/sites/default/files/Framework%20for%20Sovereign%20Green%20Bonds.pdf

Comments are closed.