बांग्ला फिल्मों के बिना फिल्म महोत्सव? क्या हम ऐसी कल्पना भी कर सकते हैं?

जब सिनेमा की बात आती है तो उसमे बंगाल का एक अनूठा स्थान है। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे, ऋत्विक कुमार घटक और मृणाल सेन ने बांग्ला में अपनी उन उत्कृष्ट कृतियों का निर्माण किया है जो लंबे समय तक सिने-प्रेमियों को लुभाने में कामयाब रही। साथ ही सीमा के दोनों ओर से अर्थात पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के फिल्म निर्माताओं ने ऐसी उत्कृष्ट कृतियों को तैयार करने में समान और महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के इस 17वें संस्करण में सीमा के दोनों ओर से बांग्ला फिल्मों का भी उत्‍सव मनाया जा रहा है।

यह महोत्सव बहुप्रतीक्षित बांग्ला वृत्तचित्रों, लघु कथा और एनीमेशन फिल्मों का प्रदर्शन करने के साथ ही गैर-फीचर फिल्मों को अपनी प्रतिभा और उत्साह दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। एमआईएफएफ 2022 बंगाल के दो सबसे प्रभावशाली फिल्म निर्माताओं- चिदानंद दासगुप्ता और बुद्धदेव दासगुप्ता को श्रद्धांजलि दे रहा है। इसके अलावा, बांग्ला में कई चुनिंदा फिल्में हैं जो 17वें एमआईएफएफ में प्रदर्शित हो रही हैं। इन फिल्मों का चयन और विभिन्न श्रेणियों अर्थात प्रतियोगिता और गैर-प्रतिस्पर्धा श्रेणी के तहत समूहीकृत किया गया है और इस पैकेज की प्रत्येक फिल्म सभी की प्रशंसा की पात्र है।

यहां उन बांग्ला फिल्मों की सूची दी गई है जिन्हें एमआईएफएफ 2022 में प्रदर्शित और मनाया जाएगा।

 

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राष्ट्रीय प्रतियोगिता

वृत्त चित्र  (डॉक्यूमेंट्री) – एन ओड टू क्विट्यूड

निर्देशक- अशोक कुमार चट्टोपाध्याय

(एनीमेशन) – राधा

निर्देशक- बिमल पोद्दार

(एनीमेशन) – मेघा

निर्देशक- ऋषि भौमिक

राष्ट्रीय प्रिज्म (वृत्तचित्र) – माई सन एंड हिज़ ग्रैंडफादर

निर्देशक- बिजॉय चौधरी

विशेष स्क्रीनिंग

सुकुमार राय

निर्देशक- सत्यजीत राय

देश फोकस; थिंकिंग ऑफ हिम; निर्देशक- पाब्लो सीजर

श्रद्धांजलि (राष्ट्रीय)

एक शहर का पोर्ट्रेट; निर्देशक- चिदानंद दासगुप्ता

बिरजू महाराज; निर्देशक- चिदानंद दासगुप्ता

विशेष पैकेज (राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में)

मैं बोनी हूँ; निर्देशक- सौरभ कांति दत्ता, शतरूपा संतरा, फरहा खातून

ए वेरी ओल्ड मैन विद इनौर्मस विंग्स; निर्देशक- प्रतीक वत्स

लद्दाख चले रिक्शावाला; निर्देशक- इंद्राणी चक्रवर्ती

छात्र फिल्में

इनसाइड द बेली ; निर्देशक- ऋत्विक सिन्हा

एमआईएफएफ इस साल बांग्लादेश का ‘फोकस के देश’ के रूप में यथोचित सम्मान करता है। इन फिल्मों का चयन उनके कथानक के प्रस्तुतीकरण की कला, अवधारणा, चरित्र चित्रण, संपादन और कई अन्य मानदंडों के आधार पर किया गया है। श्री जोगेश दत्ता पर फिल्म और उनका पूर्वी बंगाल से एक दरिद्र शरणार्थी के रूप में यहां आने से लेकर भारतीय मूकाभिनय (माइम) के अग्रणी बनने तक के संघर्ष, इस पैकेज के तहत कई फिल्मों में से एक है।

बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘देश का फोकस’ #एमआईएफएफ 2022

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देश फोकस:

दोजहां (उनकी कहानियां, उनकी सच्चाई); निर्देशक- रतन पॉल

हसीना: ए डॉटर्स टेल, निर्देशक- पिपलू खान

जोलो गुरिल्ला ’71 (नौसेना  कमांडो); सुमन देलोवर

जोथोरलीना; निर्देशक- दिलारा बेगम जॉली

नॉट ए पेनी, नॉट ए गन; मकबुल चौधरी

कान पेटे रोई (साउंड ऑफ साइलेंस); निर्देशक- मोफिदुल हक

निशोबदोतर शोहोर (मौन); निर्देशक- अमिताभ रजा चौधरी

बागनिया (गार्डन ऑफ़ मेमोरीज); निर्देशक- हुमैरा बिलकिस

रिप्पल्स; निर्देशक- सुबोरना सेनजुती तुशी

अरैमोन शोपनो; निर्देशक- अबू शाहेद इमोन

जोनमोसाथी (एक साथ पैदा हुए); निर्देशक- शबनम फिरदौसी

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