न्यूज़ डेस्क : दुनियाभर में अब तक करोड़ों लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है। भारत और अमेरिका में तो काफी तेजी से टीकाकरण का काम चल रहा है। इस बीच अमेरिका की नियामक संस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानी एफडीए ने जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन को दुर्लभ और संभावित खतरनाक तंत्रिका संबंधी रोग के जोखिम से संबद्ध होने की एक नई चेतावनी जारी की है। हालांकि साथ ही एफडीए ने ये भी कहा है कि यह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि जॉनसन एंड जॉनसन का टीका इस तरह की समस्या पैदा करता है।
एफडीए ने जो नई चेतावनी जारी की है, उसमें बताया है कि प्रतिरक्षा तंत्र संबंधी बीमारी गुलियन बेरी सिंड्रोम मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी पक्षाघात का भी कारण बन सकती है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की खुराक लेने वालों पर ‘इसका बहुत मामूली असर पड़ने का जोखिम’ होने की बात कही है।
एफडीए ने बताया कि यह कार्रवाई ऐसे वक्त हुई है, जब एफडीए और रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र यानी सीडीसी ने जॉनसन एंड जॉनसन टीके की पहली खुराक ले चुके करीब 100 लोगों में बीमारी पैदा होने की खबरों की समीक्षा की। इनमें से तकरीबन सभी को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी और एक व्यक्ति की तो मौत भी हो गई।
सीडीसी के मुताबिक, गुलियन बेरी सिंड्रोम तब होता है, तब शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र गलती से अपनी ही तंत्रिका कोशिकाओं पर हमला करने लगता है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और कभी-कभी पक्षाघात (लकवा) की स्थिति भी पैदा हो जाती है। हालांकि लकवे की स्थिति आमतौर पर अस्थायी होती है। आपको बता दें कि हर साल करीब 3,000 से 6,000 लोगों में यह बीमारी होती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह एफडीए और दुनिया के अन्य स्वास्थ्य नियामकों के साथ इस रिपोर्ट पर चर्चा कर रही है। वही, सीडीसी ने कहा कि वह अगली बैठक में अपनी समिति को बाहरी टीका विशेषज्ञों से इस मुद्दे पर समीक्षा कराने के लिए कहेगा। इस बीच अमेरिकी सरकार ने कहा है कि देश में अधिकतर फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन का ही इस्तेमाल हुआ है और इसकी 32 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है, लेकिन इनसे बीमारी का कोई खतरा सामने नहीं आया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन का टीका लेने वाले लोगों की पर्ची में गुलियन बेरी सिंड्रोम से संबंधित चेतावनी को शामिल किया गया है। कहा गया है कि यह टीका लेने वालों में अगर इस प्रकार का कोई लक्षण दिखता है तो उन्हें तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।
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