नई दिल्ली। अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन) ने 32 वर्ष बाद पाकिस्तान के कराची में अपहृत हुए विमान Pan Am73 की इंवेस्टिगेशन फिर शुरू कर दी है। एफबीआई के प्रमुख एजेंट ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इस मामले को कितने वर्ष बीत चुके हैं। एफबीआई का मकसद इस हादसे के शिकार लोगों और उनके परिजनों को न्याय दिलाना है। गौरतलब है कि 5 सितंर 1986 को पेन एएम 73 विमान को कराची में अपहृत कर लिया गया था।
यह विमान मुंबई से होते हुए कराची पहुंचा था, जहां से इसे फ्रैंकफर्ट जाना था। इस दौरान विमान पर 16 क्रू मैंबर्स के अलावा 361 यात्री भी सवार थे। इस हादसे में बीस लोगों की जान चली गई थी, जिसमें विमान की मेन पर्सर भारत की नीरजा भनोट भी शामिल थीं। यात्रियों को सकुशल निकालने में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी जिसकी कीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी। इसके लिए पाकिस्तान ने उन्हें तमगा ए इंसानियत से मरणोपरांत नवाजा था। इसमें मारे गए लोग यूएस के अलावा भारत, पाकिस्तान, ब्रिटेन, इटली, डेनमार्क, आयरलैंड और मैक्सिको के थे।
करीब 17 घंटों के बाद पाकिस्तान के कमांडो ने इस विमान को मुक्त करवा लिया था। इस दौरान सभी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था जिनपर 1988 में मुकदमा शुरू हुआ था। इन सभी को अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया था। सजा की मियाद खत्म होने के बाद इन सभी को फलस्तीन भेज दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में उत्तरी वर्जीस्तान में हुए ड्रोन हमले में जमाल सईद अब्दुल रहीम की भी मौत हो चुकी है।
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