न्यूज़ डेस्क : अध्यापकों के डुप्लीकेट अंक पत्र और डिग्री से तैनात फर्जी शिक्षकों की संख्या हजारों में हो सकती है। ऐसे फर्जी शिक्षक प्रदेश के हर जिले में परिषदीय स्कूलों में बड़ी संख्या में तैनात हैं। 336 फर्जी शिक्षकों के बारे में खुलासा करने वाले विशेष जांच दल (एसटीएफ) ने बेसिक शिक्षा विभाग से कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही विभाग की जुलाई 2018 से लंबित जांच को जल्द से जल्द पूरी करने की सिफारिश की है ताकि फर्जी शिक्षकों को बेनकाब किया जा सके। मामले के खुलासे के बाद से ही ऐसे फर्जी शिक्षकों में दहशत का माहौल है। कई फर्जी शिक्षकों ने इस्तीफा देकर तो कुछ ने बिना त्यागपत्र दिए ही नौकरी पर आना छोड़ दिया।
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि जिलों में मामले का खुलासा होने के बाद कुछ शिक्षक इस्तीफा देकर नौकरी छोड़ गए। एसटीएफ ने जांच के दौरान जब बीएसए दफ्तर से संबंधित अभ्यर्थी के प्रमाण पत्र मांगे, तो इसकी भनक लगते ही कुछ और शिक्षकों ने बिना त्याग पत्र दिए ही नौकरी पर आना छोड़ दिया। एसटीएफ ने बीते दिनों सतर्कता विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सेवा अवधि पूरी होने से पहले ही नौकरी छोड़कर गए सहायक अध्यापकों पर केस दर्ज कर जांच करने की सिफारिश की है।
एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में आशंका जताई है कि कमोबेश हर जिले में शिक्षकों की डुप्लीकेट अंक तालिका व प्रमाण पत्रों, फर्जी अंकतालिका, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सहायक अध्यापकों की तैनाती की गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग से मांगी यह जानकारी, ताकि बेनकाब हों फर्जी शिक्षक
– बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त लेखा अधिकारी के यहां जिन सहायक अध्यापकों ने अपना पैन नंबर बदला है, उनकी सूची मांगी है।
– ऐसे सहायक अध्यापकों की जिलावार सूची बनाई जाए, जिन्होंने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्रों की द्वितीय प्रति जमाकर नौकरी प्राप्त की है।
– सेवारत अध्यापक के मूल निवास के पते पर जांच कराकर सुनिश्चित किया जाए कि जो शिक्षक सेवारत है, वह वास्तविक है या फर्जी।
– जिला कोषागार से सभी बेसिक शिक्षकों के वेतन की सूची प्राप्त कर यह जांच करें कि जो लोग पढ़ा रहे हैं, वे चयनित शिक्षक हैं और उनका नाम चयनित वर्ष की मेरिट लिस्ट में था या नहीं।
– बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों की जिस वर्ष से सहायक अध्यापक पद पर भर्ती शुरू हुई, जब से जांच कराने का सुझाव दिया है।
– एसटीएफ ने हर जिले में संबंधित भर्ती की डीएम स्तर से जारी अंतिम चयन सूची से भी क्रॉस चेक करने की सिफारिश की है, ताकि फर्जी अंकतालिका से हुई भर्तियों का पता लगाया जा सके।
बड़े फर्जीवाड़ा की आशंका
बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक तैनात होने की आशंका है। बेसिक शिक्षा विभाग से पैन नंबर बदलने वाले सहायक अध्यापकों की सूची मांगी है। ऐसे अध्यापकों की भी सूची मांगी है, जिन्होंने बोर्ड या विवि से प्रमाण पत्र की द्वितीय प्रति प्राप्त की है। उसके बाद जांच आगे बढ़ेगी।
Comments are closed.