नई मशीन से गर्भ में शिशु के स्वास्थ्य का चल सकेगा पता

* सम्पूर्ण मध्य भारत में पहली सबसे बेहतर तकनीक की उपलब्धता
* दूर स्थित ग्रामीण क्षेत्रों को भी मिल सकेगी सुविधा
* आसानी से हो सकेगी गंभीर बीमारियों की जांच
इंदौर, मई, 2019। चिकित्सा विज्ञान ने बीते वर्षों में जो प्रगति की है उससे कई गंभीर बीमारियों के इलाज संभव हो पाए हैं। बीमारियों के इलाज से भी पहले इनके सटीक डायग्नोसिस के लिए भी कई ऐसी मशीनें आज उपलब्ध हैं जिन्होंने जांच की प्रक्रिया को और भी उन्नत तथा सुविधाजनक बना दिया है। शहर में स्थित नीरज डायग्नोस्टिक एन्ड इमेजिंग सेंटर पर ऐसी ही एक अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित की गई है। एडवांस तकनीक से सुसज्जित यह मशीन गर्भस्थ शिशु में कई गंभीर बीमारियों का पता लगाने में सक्षम है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया-‘ यह अपनी तरह की यूनिक सोनोग्राफी मशीन है, जो पूरे मध्य भारत/सेंट्रल इंडिया में सिर्फ हमारे यहां उपलब्ध है। इसे  
 वॉल्यूज़न ई 8 बीटी 19 विथ फीटल एचक्यू के रूप में जाना जाता है। यह हाई रेजोल्यूशन के साथ परिणामो को एकदम सटीक बनाती है। इसकी मदद से गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर (दूसरी और तीसरी तिमाही) के दौरान भ्रूण में हृदय संबंधी किसी तकलीफ या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी पता लगाया जा सकता है। असल में इस अवधि में गर्भस्थ शिशु के दिल का आकार अंगूर के बराबर होता है।
ऐसे में उसके सभी वॉल्व को बारीकी से देखना मुश्किल होता है। आम सोनोग्राफी मशीनों से यह सम्भव नही होता लेकिन इस नई मशीन के द्वारा बारीक से बारीक चीज को भी आसानी से देखा जा सकता है। इससे डायबिटिक महिलाओं में भ्रूण के दिल पर पड़ने वाले असर को भी जांचा जा सकता है। शहर में यह सुविधा होने से इसका लाभ आस पास के गांवों में भी लोगों को मिल सकता है। बीमारी का जल्द पता चलने पर इलाज करना आसान हो सकता है। इसलिये यह मशीन और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

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