न्यूज़ डेस्क : सभी निवेशकों को सबसे बड़ी चिंता जो सताती है वह यह कि कहीं ऐसा न हो कि निवेश के बाद बाजार गिर न जाए। अगर बात लंबे समय तक निवेश की हो तो बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी डर बना रहता है। ऐसे में लंबे समय तक फंड का प्रदर्शन अच्छा रहे, इसके लिए जरूरी है कि परिसंपत्तियों के वर्गों में और उनके पोर्टफोलियो में विधिवत तरीके से आवंटन किया जाए।
परिसंपत्तियों को विभिन्न प्रकार के निवेशों में वर्गीकृत करके एक सफल पोर्टफोलियो का निर्माण करना निवेश की दिशा में उठाए जानेवाला सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है। ठीक उसी प्रकार अगर आप किसी विशेष संपत्ति के वर्ग में सीमित होकर निवेश करते हैं तो इससे आपको उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिलती है। अलग-अलग परिसंपत्तियां मौजूदा आर्थिक हालातों के मद्देनजर अलग-अलग प्रदर्शन करते हैं और ये विभिन्न प्रकार की परिसंपत्तियां बाजार के चक्रों के अनुसार प्रदर्शन करती हैं। विभिन्न परिसंपत्तियों के वर्गों में समय-समय पर और बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से आवंटन किया जाए, या फिर उसमें फेर बदल किया जाए, तो इससे निवेश करने का रास्ता सुगम हो जाता है।
बाजार के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन निवेशकों की प्रतिक्रिया के बारे में ऐसा नहीं है। निवेश की जो यात्रा आशावाद और उत्साह से शुरू होती है, वह डर चिंता और घबराहट में बदल जाती है। कई सारे निवेशक तो झुंड में चलना पसंद करते हैं। निवेशक जब दूसरों को भयभीत देखते हैं तो खुद भी भयभीत हो जाते हैं और जब दूसरे में लालच देखते हैं तो खुद लालची बन बैठते हैं। यह एक ऐसा व्यवहार है, जो कि उन्हें बिलकुल नहीं करना चाहिए।
यही पर बात म्यूचुअल फंडों की आती है, जो एक लोकप्रिय और सुविधाजनक उत्पाद है, और जिसे निवेश की यात्रा को सुगम बनाने के लिए परिसंपत्तियों के बंटवारे पर आधारित रणनीति अपनाई जाती है।
डायनॉमिक असेट अलोकेशन फंड निवेशकों को कई सारी सुविधाएं प्रदान करते हैं। प्रथम- वे परिसंपत्ति के वर्गों में विविधीकरण करते रहते हैं। दूसरा- ज्यादा लाभ और कम से कम हानि सुनिश्चित करने के लिए यह फंड नियमित रूप से निगरानी और पुनर्संतुलन करते रहते हैं। तीसरा- इसमें अपेक्षाकृत जोखिम समायोजित रिटर्न अच्छा होता है, और इससे निवेश का अनुभव और भी सुखद हो जाता है। और चौथा यह कि यह फंड डेट टैक्सेशन विथ इंडेक्सेशन के फायदों से डेट टैक्सेशन का निर्माण करता है, जिससे यह फंड परंपरागत तरीकों से चलने वाले फंडों की तुलना में ज्यादा अच्छे समझे जाते हैं, और मुद्रास्फीति समायोजित रिटर्न भी प्रदान करते हैं।
पिछले कई सालों में डायनॉमिक असेट अलोकेशन फंड ने अपने आप को साबित कर दिखाया है। अगर मानवीय भावनाओं को अलग कर दिया जाए तो यह फंड कम पर खरीदो, ज्यादा पर बेचो सिद्धांत का ज्यादा अनुशासित ढंग से पालन करते हैं और यही बात इन्हें विभिन्न बाजार के चक्रों में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका प्रदान करती है। उदाहरण के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट अलोकेटर फंड का जिक्र कर सकते हैं, जिसका उद्देश्य किसी एक परिसंपत्ति वर्ग का दूसरे वर्ग की अपेक्षा उसकी आकर्षकता को लेकर डेट और इक्विटी में बराबर संतुलन बनाकर उनका बंटवारा करना होता है। जरूरत पड़ने पर यह इक्विटी में शून्य से 100 फीसदी तक या डेट में शून्य से 100 फीसदी तक जा सकता है। यह स्कीम ऐसे फंड प्रबंधकों द्वारा प्रबंधित की जाती है, जिनके पास इक्विटी और डेट बाजार, इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंडों की स्कीम में पैसे का बंटवारा करने और इन हाउस मूल्यांकन मॉडल के आधार पर काम करने का अच्छा खासा अनुभव होता है। साल 2012 के बाद इस मॉडल ने कभी भी नकारात्मक रिटर्न प्रदान नहीं किया है, जबकि इक्विटी बाजार ने नियमित पुनर्संतुलन के दौरान नकारात्मक रिटर्न प्रदान किया है। इसके अतिरिक्त यह मॉडल प्लेन वेनिला हाइब्रिड फंड को भी 8 में से 7 सालों में पीछे छोड़ देता है, जो कि इससे संपत्ति के बंटवारे की रणनीति का एक प्रमाण है।
निष्कर्ष- चातूर्यपूर्ण निवेश उन निवेशकों के लिए सर्वोत्तम है, जो एक कोर पोर्टफोलियो चाहते हैं। इससे पोर्टफोलियो की प्रतिपादन क्षमता में वृद्धि होती है, और कई विविधीकरण के विकल्प का भी निर्माण होता है। इस तरह से आप एक निवेशक की हैसियत से बाजार में आनेवाले उठापटक से परेशान नहीं होंगे, और बाजार में कैसा भी चक्र चल रहा हो, आप तनावमुक्त रहेंगे।
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