इंदौर। प्राकृतिक रंगों से बनी मूर्तियां इस बार ज्यादा पसंद की गई। पर्यावरण के प्रति सचेत युवाओं ने तय किया ओर इस साल पारंपरिक प्लास्टर ऑफ पेरिस के स्थान पर मिट्टी की गणेश प्रतिमा लाये ओर उसे अपने घर, कोचिंग में ड्रम में विसर्जित किया। पढ़ ले बेटा डॉट कॉम के करीब 100 युवा, फैकल्टी ने रविवार को गणेशोत्सव के अंतिम दिन इन मूर्तियों को जल में विसर्जित किया।
संस्थान के एम डी गगन अग्रवाल ने बताया प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के विघटन में 15 दिन से लेकर एक महीने तक का समय लग सकता है और इससे समुद्री जीवन को बहुत नुकसान पहुंचता है। दूसरी ओर मिट्टी और कागज से बनी मूर्तियां एक दिन या उससे कम समय में ही विघटित हो जाती हैं और उनसे जल प्रदूषण भी नही होता है। डायरेक्टर रूपेश शर्मा ने बताया 10 दिन तक क्विज़, डांस, म्यूजिक समेत मैनजमेंट की कई प्रतियोगिता आयोजित की गई। साथ ही हमने जरूरतमंद बच्चों को प्रसाद वितरित कर उन्हें पढ़ाई संबंधित सामग्री दी गई।
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