‘ईपीएफओ@अमृत काल – बेहतर काल’ ईपीएफओ के इतिहास में अपने तरह का पहला कदम
ईपीएफओ के सेवा आपूर्ति प्रणाली में विस्तार और सुधार के नतीजों पर चर्चा
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने आज हरियाणा के सूरजकुंड में ईपीएफओ द्वारा आयोजित ‘चिंतन शिविर’ की अध्यक्षता की।
ईपीएफओ के चिंतन शिविर की विषयवस्तु ‘ईपीएफओ@अमृत काल – बेहतर काल’ ईपीएफओ के इतिहास में अपने तरह की पहली परिघटना है। इसका समापन अपने सदस्यों को सेवा और सेवा आपूर्ति प्रणाली में विस्तार तथा सुधार के लिये दूरगामी सिफारिशों और अभूतपूर्व चर्चाओं के साथ हुआ। इसमें विषय विशेषज्ञ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ईपीएफओ के अधिकारी सम्मिलित हुये।
चिंतन शिविर की इन पांच विषयवस्तुओं पर अतिरिक्त सीपीईएफसी ने चर्चा की, ताकि ईपीएफ के सदस्यों तक बेहतर पहुंच बन सके और सेवाओं की आपूर्ति पारदर्शी तरीके से हो सकेः-
मिशन 10 करोड़ – ईपीएफओ का दायरा बढ़ाना
अनुपालन में आसानी – सेवा का विस्तार
ईपीएफओ कर्मयोगी – सक्षम संगठन
संतुष्ट सदस्य – निर्बाध सेवायें
भविष्य के लिये तैयारी – पेंशनधारी हमारी प्राथमिकता
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के चिंतन शिविर का आज उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम के दौरान कर्मचारी हितों को सुरक्षित करने तथा उनके लिए सोशल सिक्योरिटी को सुदृढ़ बनाने पर विस्तृत चर्चा होगी। pic.twitter.com/PY7aCqlPgt
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) September 8, 2022
श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने हरियाणा के सूरजकुंड में आज ईपीएफओ ‘चिंतन शिविर’ के अपने सम्बोधन के अंत में बताया कि ईपीएफओ के सेवा आपूर्ति प्रणाली मे विस्तार और सुधार से शानदार नतीजे सामने आयेंगे।
श्री यादव ने कहा कि ईपीएफओ ‘चिंतन शिविर’ के नतीजे नीति और कार्यान्वयन के बीच के अंतराल को कम करने के लिये माननीय प्रधानमंत्री की परिकल्पना को पूरा करने में सहायक होंगे। ये बड़े पैमाने पर हितधारकों के लिये लाभप्रद होंगे तथा आमूल बदलाव का रास्ता खुलेगा।
श्री भूपेन्द्र यादव ने ऐसे प्रमुख क्षेत्रों को चिह्नित किया, जिन पर कार्यबल का गठन करके ईपीएफओ को ध्यान देना चाहियेः-
- बेहतर प्रणाली और तरीकों को तैयार करके देश के सभी जिलों में सेवा प्रदान करने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ाना।
- बेहतर और सक्षम अवसंरचना की रचना
- ‘मिशन कर्मयोगी’ को प्रशिक्षण और प्रेरणा के जरिये क्रियान्वयन।
- अगले छह महीनों में स्टाफ और अधिकारियों की नियुक्ति के लिये विशेष अभियान।
- आसान और निर्बाध पेंशन भुगतान आपूर्ति प्रणाली।
- कानून पालन करवाने के बजाय सक्षम बनाने के लिये अनुपालन प्रणाली को मजबूत करना।
- मुकदमेबाजी को कम करना।
श्री यादव ने आगे कहा कि ईपीएफओ के पास 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परिसम्पत्तियां हैं, जो प्रबंधन के अधीन हैं। प्रबंधन के ऊपर भारी दायित्व है और उस पर पूरा विश्वास किया जाना चाहिये। उन्होंने ईपीएफओ के अधिकारियों की सराहना की वे हितधारकों को पूर्वाग्रह से मुक्त, पारदर्शी और सरल तरीके से सेवा प्रदान कर रहे हैं।
श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री श्री रामेश्वर तेली ने ईपीएफओ ‘चिंतन शिविर’ के नतीजों पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि ईपीएफओ का दस्तावेज विजन@2047 देश में सामाजिक सुरक्षा को सार्वभौमिक बनाता है। उन्होंने ‘प्रयास’ पहल के जरिये 31 हजार से अधिक पीपीओ प्रदान करने के लिये ईपीएफओ की सराहना की। उन्होंने एबीआरवाई योजना के तहत नियोक्ताओं और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिये भी ईपीएफओ की प्रशंसा की। ‘चिंतन शिविर’ की पहल विजन@2047 दस्तावेज में उल्लिखित लक्ष्यों को हासिल करने की ओर एक कदम है। उन्होंने कहा कि इस ‘चिंतन शिविर’ से मिलने वाले नये विचारों से ईपीएफओ सदस्यों के चेहरों पर मुस्कान खिल उठेगी।
श्रम एवं रोजगार सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने कहा कि ईपीएफओ के सभी कार्यालयों में क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का मानकीकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ई-श्रम, उद्यम, असीम और एनसीएस पोर्टल के एकीकरण के जरिये नागरिकों तक सामाजिक सुरक्षा की पहुंच बढ़ाई जायेगी। उन्होंने दावों के जल्द निपटारे के लिये ईपीएफओ के प्रयासों की भी प्रशंसा की।
ईपीएफओ की केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्रीमती नीलम शमी राव ने चिंतन शिविर में सम्मिलित होने वाले सभी गणमान्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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