न्यूज़ डेस्क : पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीनी सैनिकों की धोखेबाजी के बाद भारत अब चीन को हर मोर्चे से जवाब देने की तैयारी में है। सैन्य और कूटनीतिक के साथ भारत आर्थिक रूप से भी चीन को करारा जवाब देने की तैयारी में जुट गया है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने उद्योगों से विदेशों खासकर चीन से आने वाले सामान के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। इसका मकसद चीन से आने वाले सामानों का आयात रोकना और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है। आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार अब चीन से निर्भरता कम करने की कोशिश में है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसको लेकर हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी।
उद्योगों को चीन से आने वाले कुछ सामान और कच्चे माल के बारे में सुझाव देने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक इस सामान में कलाई घड़ीए दीवार घड़ीए ग्लास रॉड्स एवं ट्यूब्सए हेयर क्रीमए हेयर शैंपूए फेस पाउडरए आई एंड लिप मेक अप प्रीपेरेशंसए प्रिंटिंग इंकए पेंट्स और वार्निश तथा तंबाकू के कुछ उत्पाद शामिल हैं। अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 के दौरान भारत ने चीन से 62ण्4 अरब डॉलर का आयात किया थाए जबकि इस दौरान भारत का चीन को निर्यात महज 15ण्5 अरब डॉलर रहा था।
अन्य मांगे जाने वाले विवरणों में 2014.15 और 2018.19 के बीच आयात वृद्धि के आंकड़ेए घरेलू सामानों की घरेलू कीमतें जो यहां बनाई गई हैंए घरेलू क्षमताए मुक्त व्यापार समझौतों के तहत आयातए और उल्टे शुल्क का मुद्दा यदि हो तोए शामिल हैं। भारत कई बार चीन के साथ व्यापार घाटे पर चिंता जाहिर कर चुका है। अप्रैल.फरवरी 2019.20 के दौरान यह करीब 47 अरब डॉलर रहा।
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