मात्र 10 मिनट में आधार बेस्ड ई-केवाईसी के जरिए मिलेगा ई-पैन कार्ड

न्यूज़ डेस्क : आयकर विभाग इन दिनों रियल टाइम बेसिस पर ई-पैन जारी करने के लिए एक प्रोसेसिंग सेंटर पर काम कर रहा है। इसके तहत लोगों को काफी फायदा होगा क्योंकि अब उन्हें मात्र 10 मिनट में आधार बेस्ड ई-केवाईसी के जरिए ई-पैन मिल जाएगा। इससे आवेदकों का काफी समय बचेगा।

 

ऐसे मिलेगा 10 मिनट में मुफ्त पैन

  • पैन कार्ड के लिए अब लंबा इंतजार खत्म होगा।
  • अब अप्लाई करने के साथ ही पैन मिलेगा। 
  • इसके लिए ऑनलाइन पैन की सुविधा मिलेगी।
  • इसके लिए किसी भी तरह का दस्तावेज नहीं लगेगा। 
  • सिर्फ आधार नंबर देना होगा। 
  • आवेदन में आधार नंबर देने पर तुरंत ओटीपी मिलेगा। 
  • ओटीपी वेरिफिकेशन के साथ ही ई-पैन मिल जाएगा।
  • इस ई-पैन के लिए किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लगेगा। 
  • ई-पैन कार्ड में क्यूआर कोड होगा।  
  • क्यूआर कोड स्कैन करने पर पूरी डिटेल मिल जाएगी। 
  • इसके बाद ई-पैन का प्रिंट भी निकाला जा सकेगा।

सूत्रों के मुताबिक कुछ हफ्तों में सेवा शुरु होगी। इसके लिए वित्त मंत्रालय पहल कर रहा है।

 

वित्त राज्य मंत्री ने दिया था बयान : वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने जुलाई महीने में इस बात की घोषणा लोकसभा में की थी। तब अनुराग ठाकुर ने कहा था कि ‘सरकार रियल टाइम पैन/टैन प्रोसेसिंग सेंटर (RTPC) बनाने पर विचार कर रही है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा था, कि ‘सरकार ने आयकर विभाग को और मजबूत करने के इरादे से टेक्नोलॉजी सुधार के लिए कई और प्रस्ताव की शुरुआत की है, जिनके तहत विभाग पैन हासिल करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए एक रियल टाइम पैन-टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर (TAN) सेंटर पर काम कर रही है।’

 

अभी तक जारी किए 62000 ई-पैन : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले आठ दिनों में 62,000 से अधिक ई-पैन जारी किए गए हैं। अब इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। इस सेवा के शुरू होने से आवेदक को बिना कहीं भी जाए पैन कार्ड मिल जाएगा।

 

क्या है टैन और पैन ?

यह सुविधा खासतौर से उन आवेदकों के लिए लाई जा रही है जिन्होंने आधार बेस्ड ई-केवाईसी के जरिए आवेदन किया है। बता दें कि टैन 10 संख्या का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है। इसकी आवश्यकता करदाताओं को टैक्स का भुगतान करते समय पड़ती है।

वहीं पैन कार्ड को स्थायी खाता संख्या कहा जाता है, जो आर्थिक लेनदेन के लिए बहुत जरुरी होता है। इसमें भी 10 अंक होते हैं, जो कि आयकर विभाग द्वारा निर्धारित किया जाता है। 

 

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