जान-बूझकर भारतीय कानूनों की धज्जियां ना उडाये ई-कॉमर्स कंपनिया : पीयूष गोयल

न्यूज़ डेस्क : केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री मंत्री पीयूष गोयल ने दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सख्त लहजा अपनाया है। गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां बड़ा निवेश करने का घमंड दिखा रही हैं और जान-बूझकर भारतीय कानूनों की धज्जियां उड़ा रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने ई-कॉमर्स कंपनियों को सख्त हिदायत दी है कि उन्हें देश के कानून का पूरी तरह पालन करना होगा।

 

 

 

पीयूष गोयल ने दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों पर लूट मचाने वाली कीमतों में लिप्त होकर भारतीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने अपनी पहुंच और आकार का फायदा उठाया है। दुर्भाग्य से भारत आईं कई बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां एक से अधिक बार जान-बूझकर देश के कानूनों का उल्लंघन कर चुकी हैं। 

 

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ उनकी कई बार बातचीत हुई है। इनमें से अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनियों में देखा जा रहा है कि वे अपने बड़े आकार की धौंस दिखाती हैं। उनमें घमंड देखा गया है कि शुरुआती दौर में बाजार में वे बड़ी रकम का निवेश करने में सक्षम हैं। ऐसे में उन उत्पादों के बाजार पर कब्जा करने की कोशिश करती रही हैं, जो हमारे पारंपरिक किराना कारोबार का आधार रहा है।

 

 

कहा- कानूनों का पालन करना ही होगा
केंद्रीय मंत्री गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी कंपनियों को देश के कानून का पालन करना चाहिए। साथ ही भारतीय हितों को चोट पहुंचाने के लिए बाहुबल या धन बल का उपयोग करने से बचना चाहिए। 

 

 

 

अमेजन और फ्लिकार्ट पर साधा निशाना!
पीयूष गोयल ने एक वेबिनार में अमेजन, फ्लिकार्ट और वालमार्ट का नाम लिए बिना इन कंपनियों पर निशाना साधा। उन्होंने ये भी नहीं साफ किया कि किन नियमों का उल्लंघन किया गया है, लेकिन उनका ये बयान छोटे कारोबारियों के बीच बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की वजह से मची उथल-पुथल के बीच आया है, जो अमेरिकी कंपनियों पर उपभोक्ता सुरक्षा कानूनों समेत अन्य कानूनों को दरकिनार करने का आरोप लगाते आए हैं। 

 

 

उन्होंने कहा कि कंपनियां जिन प्रथाओं का पालन करती हैं, वे उपभोक्ताओं के हित के खिलाफ हैं और सरकार हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनियों या मार्केटप्लेस मॉडल के लिए मसौदा नियम लेकर आई है, जो भारतीय समेत सभी संस्थाओं पर लागू होती है। ये नियम उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए हैं।

 

 

 

 

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