मुंबई : प्रतिष्ठित आईटीसी कंपनी दूध आधारित पेय पदार्थों के बाजार में उतरने को तैयार है। कंपनी जल्द ही बाजार में मिल्क बेस्ड बेवरेजेज लॉन्च करने वाली है। इसका मार्केट में कोका-कोला, अमूल और ब्रिटानिया से मुकाबला होगा।
‘सनफीस्ट वंडर्ज’ नाम के इस नए उत्पाद को सबसे पहले दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अगले एक महीने में लॉन्च किया जाएगा। इन बाजार में सफलता के बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जाएगा। सिगरेट से लेकर कुकीज तक बनाने वाली आईटीसी ने कहा कि वह इन मिल्क शेक में आर्टिफिशयल फ्लेवर्स की जगह असली फ्रूट पल्प का इस्तेमाल करेगी।
आईटीसी के फूड्स डिवीजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेमंत मलिक ने बताया, मिल्क बेस्ड बेवरेजेज की इस नई प्रॉडक्ट रेंज को कंपनी को इंस्टिट्यूशनल कैपिबिलिटीज का फायदा मिलेगा, जिसमें हमारी एग्री-सोर्सिंग और डिस्ट्रिब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है।
उन्होंने कहा, पिछले कुछ समय से रेडी टू ड्रिंक बेवरेज मार्केट में काफी ग्रोथ देखने को मिली है। यह इस ट्रेंड को भी दिखाता है कि कंज्यूमर्स अब हेल्दी बेवरेजेज पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। हमारा विश्वास है कि नए और इनोवेटिव ऑफर के जरिए इस सेगमेंट में भविष्य में काफी संभावनाएं हैं। इस प्रॉडक्ट रेंज को कंपनी के कपूरथला स्थित सयंत्र में बनाया जाएगा।
सॉफ्ट ड्रिंक्स के मामले में दुनियाभर में उपभोक्ता के स्वाद में बदलाव देखने को मिल रहा है। ग्राहक तेजी से जूस, एनर्जी ड्रिंक्स, फ्लेवर्ड टी, फोर्टिफाइड वॉटर और मिल्क आधारित बेवरेजेज जैसे हेल्दी ड्रिंक्स अपना रहे हैं। इसकी वजह से 22,000 करोड़ रुपये के कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स मार्केट की ग्रोथ धीमी हुई है।
इसने कोका-कोला और पेप्सिको समेत बेवरेज सेक्टर की सभी दिग्गज कंपनियों को अपने पारंपरिक कार्बोनेटेड सोडा और हाई-कैलोरी जूस प्रॉडक्ट के अलावा दूसरे प्रॉडक्ट को भी उतारने के बारे में सोचने पर मजबूर किया है।
ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस एजेंसी मिंटेल की एक रिसर्च के मुताबिक 2012 में डेयरी ड्रिंक्स में फ्लेवर्ड मिल्क का हिस्सा 20 पर्सेंट था, जो 2017 की पहली छमाही तक बढ़कर 39 पर्सेंट हो गया है। रिसर्च के मुताबिक डेयरी ड्रिंक्स को पीने वाले कंज्यूमर्स में 28 पर्सेंट इसे ब्रेकफास्ट के विकल्प के रूप में देखते हैं।
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