कन्नड़ सिनेमा के महान अभिनेता और ‘अनन्त नायक’ के रूप में प्रसिद्ध डॉ. राजकुमार की 96वीं जयंती के अवसर पर बेंगलुरु शहर में भव्य श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। यह दिन न सिर्फ कर्नाटक, बल्कि समूचे दक्षिण भारत के लिए गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक रहा, क्योंकि डॉ. राजकुमार न केवल एक फिल्मी सितारे थे, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक भी माने जाते हैं।
समारोह की झलक
बेंगलुरु में कांतीरवा स्टेडियम और डॉ. राजकुमार समाधिक परिसर में बड़ी संख्या में प्रशंसकों, राजनीतिक नेताओं और फिल्मी हस्तियों ने एकत्र होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनके बेटे पुनीत राजकुमार की स्मृतियों को भी याद किया गया। समारोह में कन्नड़ फिल्म उद्योग से जुड़े कलाकारों ने डॉ. राजकुमार के योगदान पर प्रकाश डाला और उनके अमर गीतों और संवादों की प्रस्तुतियाँ दीं।
डॉ. राजकुमार की विरासत
डॉ. राजकुमार ने अपने चार दशकों से अधिक के करियर में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और उन्हें ‘कर्नाटका रत्न’ और ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ जैसे कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए। वे कर्नाटक की भाषा, संस्कृति और नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहे। उनकी जयंती हर साल न केवल एक अभिनेता को याद करने का अवसर होती है, बल्कि यह कन्नड़ अस्मिता और गौरव का उत्सव बन चुका है।
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