न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच भारत में मॉनसून की भी शुरुआत हो चुकी है। मॉनसून की बारिश के साथ ही मच्छरों की संख्या भी खूब बढ़ गई है। ऐसे में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे मच्छरजनित रोगों का खतरा भी बढ़ा है। कहीं बारिश का जलजमाव तो कहीं गंदगी, मच्छरों की संख्या बढ़ने का कारण बनती है। मच्छरों से होने वाले रोगों का खतरा बढ़ने के बीच इस बात की भी चर्चा हो रही है कि क्या मच्छर भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैला सकते हैं… क्या मच्छरों के काटने से भी कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है। इसको लेकर कोरोना प्रभावित शीर्ष देशों में शामिल इटली में एक शोध अध्ययन हुआ है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से:
दरअसल, बारिश में मच्छरों की संख्या बढ़ने के साथ ही मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगता है। मॉनसून में डेंगू, मलेरिया, चिकगुनिया जैसी बीमारियों के मरीज बढ़ने लगते हैं। ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या मच्छरों के जरिए भी कोरोना हो सकता है? मतलब यदि कोई मच्छर किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति को काट ले और इसके बाद वह किसी स्वस्थ इंसान को काट ले तो क्या उसे भी कोरोना होने की संभावना होती है? इसी को लेकर शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया है।
इटली के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट आईएसएस में हुए एक ताजा शोध अध्ययन में यह कहा गया है कि मच्छरों को कोरोना वायरस का वाहक नहीं माना जा सकता है। कारण कि मच्छर कोरोना वायरस को इंसानों तक पहुंचाने में असमर्थ होते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी पहले कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि खून चूसने वाले कीड़ों (blood-sucking insects) द्वारा कोरोना वायरस प्रेषित किया जा सकता है या फैलाया जा सकता है। मच्छर इंसानों को काटने पर डेंगू, मलेरिया जैसी ही बीमारियां फैला सकते हैं।
रिसर्च ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ एंड फूड सेफ्टी और आईजेडएसवीई संस्थान सहयोग से किए गए एक अन्य अध्ययन में यह कहा गया है कि ना तो टाइगर मच्छर और ना ही साधारन मच्छर कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) को संचारित कर सकते हैं।
आईएसएस ने एक बयान में कहा है “शोध से पता चला है कि एक बार कोरोना संक्रमित ब्लड मच्छर के शरीर में जाता है, तो यह वायरस प्रतिकृति बनाने में सक्षम नहीं हो पाता है। यानी कि वायरस की संख्या बढ़ाने में यह सक्षम नहीं होता है।
इसके अलावा एक अन्य शोध में यह बात कही गई थी कि चूंकि कोरोना एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो छींकने या खांसने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से किसी दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ऐसे में मच्छरों के काटने से कोरोना वायरस नहीं फैलता है।
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