भारत के त्योहारों में दीपावली काफी विशिष्ट स्थान रखती है. इस त्योहार के अवसर पर घरों और दूकानों को सजाया-संवारा जाता है, उनकी साफ-सफाई की जाती है. इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष रुप से की जाती है. हिन्दू धर्म के अनुसार दीपावली के दिन धन की देवी महालक्ष्मी के साथ विघ्न-विनाशक श्री गणेश की देवी मातेश्वरी सरस्वती देवी की भी पूजा-आराधना की जाती है. कहा जाता है कि कार्तिक मास की अमावस्या की आधी रात में देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं और हर घर में जाती हैं. जिस घर में स्वच्छता और शुद्धता होती है वह वहां निवास करती हैं.
5 दिनों का है ये त्योहार
दीपावली तीनों पर्वों का मिश्रण है, ये हैं- धनतेरस, नरक चतुर्दशी और महालक्ष्मी पूजन. नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली भी कहा जाता है. दीपावली की शुरूआत धनतेरस से होती है, जो कार्तिक मास की अमावस्या के दिन पूरे चरम पर आती है. कार्तिक मास की अमावस्या की रात को घरों और दुकानों में दीपक, मोमबत्तियां और बल्ब लगाए और जलाए जाते हैं.
महत्वपूर्ण तिथियां
धनतेरस: 17 अक्टूबर 2017
छोटी दीवाली: 18 अक्टूबर 2017
दिवाली: 19 अक्टूबर 2017
गोवर्धन पूजा: 20 अक्टूबर
भाईदूज: 21 अक्टूबर
दिवाली या दीपावली का महत्व
14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने का प्रतीक है दिवाली. अपने पिता राजा दशरथ के आदेश के बाद भगवान राम ‘वनवास’ के लिए गए थे. इस दौरान उन्होंने भारत के जंगलों और गांवों में 14 साल बिताए. अपने वनवास के अंत में दस मुखी लंका के राजा रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था. इसके बाद भगवान राम ने रावण से युद्ध किया और रावण को मारकर अपनी पत्नी को लेकर वापिस अयोध्या लौटे. महाकाव्य रामायण में भगवान राम की जीत बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
News Source: khabar.ndtv.com
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