राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों का डिजिटल इंडिया सम्मेलन 5जी के लॉन्च के साथ-साथ आयोजित किया गया
12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया, उन्होंने 5जी के राष्ट्रीय शुभारंभ का स्वागत किया और डिजिटल इंडिया पहल की नवीनतम प्रगति और प्रतिकृति के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया
टीम इंडिया पूरे देश में समग्र डिजिटल, सामाजिक, आर्थिक और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल इंडिया को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी
इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी 2022) के छठे संस्करण के साथ राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों का डिजिटल इंडिया सम्मेलन 1 अक्टूबर को आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उद्योग के दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज के श्री मुकेश अंबानी, भारती एंटरप्राइजेज से श्री सुनील भारती मित्तल, आदित्य बिड़ला समूह से श्री कुमार मंगलम बिड़ला और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों की इसमें गौरवमयी उपस्थिति रही। इस सम्मेलन में 5जी का राष्ट्रीय शुभारंभ, प्रदर्शनियों और शिक्षा, स्वास्थ्य, कामगार, सुरक्षा, स्मार्ट कृषि आदि में कई 5जी उपयोग के मामलों का भी अनावरण किया गया।
आईएमसी 2022 के उद्घाटन सत्र के बाद, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी एवं रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री की गरिमामय उपस्थिति में “राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों का डिजिटल इंडिया सम्मेलन” भी आयोजित किया गया था। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर और संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह चौहान तथा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, तेलंगाना, मिजोरम, सिक्किम और पुदुचेरी के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों की गौरवमयी उपस्थिति रही। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य सूचना प्रौद्योगिकी सचिवों और राज्य अधिकारियों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और डीओटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
अपने स्वागत भाषण और संबोधन में, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा ने इस जानकारी को साझा किया कि डिजिटल इंडिया ने कैसे महामारी के दौरान अपना लचीलापन साबित किया है। उन्होंने मंत्रालय की ‘माई स्कीम’ मेरी पहचान, डिजिटल भाषिणी और पीएलआई जैसी नवीनतम पहलों को साझा किया, जिनका लाभ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जीवनयापन में और व्यापार करने में आसानी के लिए उठाया जा सकता है। उन्होंने इस दशक को भारत का ‘टेकएड’ बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के बारे में भी जोर दिया।
श्री देवुसिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत का ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने इस जानकारी को साझा किया कि आरओडब्ल्यू अनुमति प्राप्त करने में लगने वाले समय को 3 महीने से घटाकर 6 दिन कर दिया गया है।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि विकास के लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर है और दुनिया भारत को विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भागीदार के रूप में देख रही है। उन्होंने डिजिटल डिवाइस, डिजिटल डेटा, गहरी प्रौद्योगिकियों और आपूर्ति श्रृंखला में बड़े पैमाने पर विविधीकरण होने का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टीम इंडिया के रूप में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कंपनियों को आकर्षित करने के लिए पीएलआई योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए और स्टार्टअप संस्कृति को टियर 2/3 शहरों में ले जाने के लिए नीतियां बनानी चाहिए। इसके अलावा नागरिक और व्यापार केंद्रित सेवाओं को मानकीकृत करने के लिए इंडिया स्टैक समाधान और इसके आसपास बनाए गए डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी लाभ उठाना चाहिए।
श्री अश्विनी वैष्णव ने अपने प्रारंभिक संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की मिली जुली टीम डिजिटल इंडिया को युवाओं और 1.3 अरब लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 तक रोजगार सृजन 1 ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था और 1 करोड़ डिजिटल रोजगार के लक्ष्य को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि नई नीतियां जैसे टेलीकॉम विधेयक और डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक आने से राज्यों को अपने रचनात्मक सुझाव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इसके बाद, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के आईटी मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में डिजिटल इंडिया के तहत किए गए कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण प्रयासों, ई-गवर्नेंस पहल में हुई प्रगति को साझा किया। उन्होंने कनेक्टिविटी, एनआईईएलआईटी, सीडीएसी, एसटीपीआई के अधिक केंद्र खोलने, उभरते क्षेत्रों में सीओई खोलने और नीतिगत मामलों से संबंधित मुद्दों को भी साझा किया।
अपने समापन संबोधन में, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि डिजिटल इंडिया और देश के हर कोने तक इसकी पहुंच के लिए कनेक्टिविटी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने घोषणा की कि अगले 500 दिनों में 25,000 नए टावर लगाने के लिए 36,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। टावर लगाने के लिए स्थलों की सूची राज्यों/मुख्य सचिवों के परामर्श से तैयार की जाती है। राज्य आगे सूची की समीक्षा कर सकते हैं। उन्होंने यह घोषणा भी की कि बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा और यह कार्य अगले 18 महीनों में शुरू हो जाएगा। इससे ‘डिजाइन इन इंडिया’ और मेक-इन-इंडिया को काफी लाभ होगा। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पीएम गति शक्ति में तेजी से शामिल होने के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि फाइबर नेटवर्क को एक सामान्य पोर्टल पर रखा जाएगा, यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लेआउट संचालित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और डिजिटल परिवर्तनकारी परियोजनाओं की योजना बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि नीति संबंधी मामले राज्यों के परामर्श से निर्धारित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 2000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता देने का समर्थन किया गया है। उन्होंने राज्यों को सक्रिय रहने और अपने-अपने राज्यों में व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए व्यापार अनुकूल नीतियां बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। ‘सबका साथ और सबका विकास’ के उद्देश्य पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, बड़े और छोटे राज्यों की प्रतिबद्धताएं, डिजिटल इंडिया को उच्च स्तर पर ले जाने और आत्मनिर्भर भारत और ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था को साकार करने में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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